बारहवीं कक्षा में “मान्या गुप्ता” ने कोलकाता से इंडिया टॉपर बनी
1 min readशिमला – वैसे तो कई मर्तबा ‘बच्चे’ पारिवारिक पृष्ठभूमि के पदचिन्हों पर भी करियर बनाने का निर्णय लेते हैं। लेकिन, हिमाचल कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी वीपी गुप्ता की पोती ‘मान्या गुप्ता’ने ऐसा नहीं किया है। हालांकि, दादा व दादी चाहते थे कि वो भी आईएएस अधिकारी बने, मगर आईसीएसई बोर्ड में 12वीं की परीक्षा में समूचे देश में 99.75 प्रतिशत अंक हासिल करने टॉप करने वाली ‘मान्या गुप्ता’ ने आठवीं कक्षा में ही कुछ और सोच लिया था। बता दे कि देश में 99.75 प्रतिशत का स्कोर पांच विद्यार्थियों को मिला है।
ये असाधारण सी बात है कि परिवार में तमाम सुख सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद मान्या ने मनोविज्ञान में आगे की पढ़ाई करने का निर्णय लिया है, चाहती तो कुछ ओर विक्लप चुन सकती थी। बचपन में ही मान्या को इस बात का अहसास था कि मेंटल हैल्थ की स्थिति देश में ठीक नहीं हैै। बेशक ही वो विदेश में जाकर पढ़ाई करना चाहती है, लेकिन मनोविज्ञान के क्षेत्र में सेवा भारत में ही देना चाहती है।
मूलत हिमाचल प्रदेश के ‘नाहन’ की रहने वाली मान्या गुप्ता ने बेशक ही ये उपलब्धि कोलकाता से हासिल की है, किंतु परिवार की ज़ड़ें 1621 में बसे कस्बे नाहन से जुड़ी हैं। मान्या की आठवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान पिता विवेक प्रकाश गुप्ता उस समय कोलकाता में पोस्टिड थे। इसके कुछ समय बाद पिता नोएडा शिफ्ट हो गए। मान्या चाहती थी कि वो आगे की पढ़ाई कोलकाता के हैरिटेज स्कूल से ही जारी रखे।लिहाजा, माता शाइना गुप्ता ने बेटी के साथ ही कोलकाता में रहने का निर्णय लिया। खास बात ये भी है कि समूचे भारत में टाॅप कर मान्या ने भी 2023 के मदर्स-डे पर धात्री को शानदार तोहफा दिया है।
बता दें कि मान्या की माता शाइना गुप्ता अंग्रेजी विषय की पोस्ट ग्रैजुएशन में गोल्ड मैडलिस्ट रही हैं, जबकि दादी शशि किरण गुप्ता करीब 28 साल तक शिमला के दयानंद पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात रही। शहर में होटल कारोबार से जुड़े मान्या के चाचा आशुतोष गुप्ता ने कहा कि भतीजी की सफलता पर समूचे परिवार का सीना फक्र से चौड़ा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अनन्या के दादा व दादी पारिवारिक शादी में हिस्सा लेने नोएडा से पैतृक शहर नाहन आए थे। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में एक सवाल के जवाब पर होनहार पोती की दादी ने कहा कि दादा से मान्या हमेशा ही प्रेरित रही। दादा ने उसे यूपीएसस की तैयारी करने को भी कहा था, लेकिन वो मनोविज्ञान में शिक्षा हासिल करने के साथ-साथ लेखक बनना चाहती है। मान्या बचपन से ही बेहद भावनात्मक कविताएं व लेख भी लिखती आई है।
दीगर है कि मान्या गुप्ता के रिटायर्ड आईएएस दादा वीपी गुप्ता को भी लेखन में महारत हासिल है। रिटायर्ड अधिकारी के बड़े भाई स्व. डीपी गुप्ता शहर के एक प्रतिष्ठित व नामी अधिवक्ता रहे। कुल मिलाकर,मान्या गुप्ता ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि अपने पैतृक प्रदेश “हिमाचल” को भी गौरवान्वित किया है।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश