March 29, 2024

दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके

1 min read
Spread the love

दिल्ली- NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 रही. जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश क्षेत्र रहा. पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. अब तक भूकंप से भारत में किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक रात 10:17 बजे कालाफगन, अफगानिस्तान से 90 किमी की दूरी पर यह झटके महसूस किए गए. तस्वीरें नोएडा की हाईराइज सोसाइटीज से आ रही हैं जिनमें कि देखा जा सकता है लोग घरों से निकलकर पार्क में आ गए. भूकंप इतना तेज था कि लोग काफी डर गए थे। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. इसके अलावा चमोली, उत्तरकाशी के गंगा घाटी, यमुनाघाटी,
मसूरी, पंजाब के मोगा, बठिंडा, मानसा, पठानकोट, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली और जयपुर में भूकंप के झटके महूसस किए गए। भूकंप के दौरान जितना हो सके सुरक्षित रहें. ध्यान रखें कि कुछ भूकंप वास्तव में भूकंप से पहले के झटके होते हैं और बड़ा भूकंप कुछ देर में आ सकता है. अपनी हलचल एकदम कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित स्थान तक पहुंचें. तब तक घर के अंदर रहें जब तक कि भूकंप बंद न हो जाए और आप सुनिश्चित हों कि बाहर निकलना सुरक्षित है.

अगर घर के अंदर हों

जमीन पर लेट जाएं. एक मजबूत टेबल या फर्नीचर के अन्य टुकड़े के नीचे बैठकर खुद को कवर कर लें. यदि आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढक लें और किसी कोने में झुक जाएं. कमरे के कोने में, टेबल के नीचे या बिस्तर के नीचे छिपकर अपने सिर और चेहरे को बचाएं. कांच, खिड़कियां, दरवाजे, दीवारें और जो कुछ भी गिर सकता है (जैसे झूमर) से दूर रहें. जब भूकंप आए तो बिस्तर पर ही रहें. अपने सिर को तकिये से सुरक्षित करें. अगर आप किसी गिरने वाली चीज के नीचे हैं तो वहां से हट जाएं. दरवाजे से बाहर भागने का प्रयास तभी करें जब वह आपके पास हो और यदि आप जानते हैं कि दरवाजा मजबूत है। जब तक कंपन बंद न हो जाए, तब तक अंदर ही रहें. रीसर्च से पता चला है कि ज्यादातर लोगों को चोटें तब लगती हैं जब वह इमारतों के अंदर से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं. ध्यान रखें कि बिजली जा सकती है या स्प्रिंकलर सिस्टम या फायर अलार्म चालू हो सकते हैं. अगर बाहर हों तो- आप जहां पर हैं, वहां से न हिलें. हालांकि, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट्स और यूटिलिटी तारों से दूर रहें. यदि आप खुली जगह में हैं, तब तक वहीं रहें जब तक कंपन बंद न हो जाएं. सबसे बड़ा खतरा इमारतों से हैं, अधिकांश मौकों पर दीवारों के गिरने, कांच के उड़ने और वस्तुओं के गिरने से चोट लगती हैं.

आखिर क्या होता है भूकंप?

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं.

कैसे मापा जाता है भूकंप?

भूकंप को मापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.