May 8, 2024

किसानों के लिए लागू होगी कृषक समाधान योजना

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भोपाल- मध्य प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा किसानों को अगले वित्तीय वर्ष से फिर ब्याज रहित ऋण मिलेगा। इसके लिए शिवराज सरकार कृषक समाधान योजना लागू करने जा रही है। मार्च में प्रस्तुत होने वाले वर्ष 2023-24 के बजट में इसकी घोषणा होगी। इसमें समय पर ऋण न चुकाने के कारण डिफाल्टर हुए किसानों को ही शामिल किया जाएगा। इसके बाद इन्हें सहकारी समितियों से फिर ब्याज रहित कृषि ऋण, खाद-बीज मिलने लगेगा। योजन पर एक हजार करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है।

कमल नाथ ने की थी योजना लागू

वर्ष 2018 में कमल नाथ सरकार ने किसान ऋण माफी योजना लागू की थी। इसमें सहकारी समितियों के ऋणी किसानों को दो लाख रुपये तक ऋण माफ करने का प्रावधान था। योजना के पहले चरण में चालू खाते पर पचास हजार और दो लाख रुपए तक के कालातीत ऋण को माफ किया गया।

अल्पमत में सरकार चली गई थी

दूसरे चरण में चालू खाते पर एक लाख रुपए की ऋण माफी का प्रावधान था। इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हुई ही थी और मार्च 2020 में अल्पमत में आने के कारण कांग्रेस सरकार चली गई और योजना ठप हो गई। इसके कारण लाखों किसान डिफाल्टर हो गए क्योंकि ऋण माफी की आस में इन्होंने ऋण नहीं चुकाया था।

न तो खाद-बीज

अब स्थिति यह है कि इन किसानों को सहकारी समितियों से न तो खाद-बीज मिल रहा है और न ही साख सीमा के अनुसार ऋण राशि प्राप्त हो रही है।

शिवराज ने की ब्याज माफी की घोषणा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को ब्याज माफी देने की घोषणा की थी और बजट में चार सौ करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया था, लेकिन योजना को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अब नए सिरे से योजना तैयार की जा रही है।

चार लाख से अधिक किसान होंगे शामिल

इसमें ऋण माफी योजना के चार लाख 41 हजार 840 उन किसानों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें लाभ नहीं मिला। इसके अलावा अन्य डिफाल्टर किसानों को भी योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सभी जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से डिफाल्टर किसानों की जानकारी मांगी गई है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना के लिए एक हजार करोड़ का बजट प्रावधान करना प्रस्तावित किया गया है।
मूलधन चुकाने पर मिलेगी ब्याज माफी

समाधान योजना में किसानों को ब्याज माफी दी जाएगी। इसमें किसानों को पहले मूलधन जमा करना होगा, इसके बाद उनका ब्याज जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों द्वारा माफ कर दिया जाएगा। दरअसल, कई किसानों के ऊपर मूलधन से ज्यादा ब्याज हो गया है। यही कारण है कि वे ऋण भी नहीं चुका रहे हैं। समाधान योजना में किसानों को दो या तीन किस्तों में मूलधन जमा करने का अवसर मिलेगा। वहीं, बैंकों को साधारण ब्याज की दर से शासन ब्याज अनुदान देगा ताकि उनका भी नुकसान न हो।

छतरपुर के किसान ज्यादा डिफाल्टर

सितंबर 2022 की स्थिति में चार लाख 41 हजार 840 किसान ऐसे हैं, जिनका ऋण माफ नहीं हुआ और समय पर ऋण अदायगी न करने के कारण डिफाल्टर हैं। इनमें सर्वाधिक 32 हजार 594 छतरपुर जिला सहकारी बैंक के किसान हैं।

जिला डिफाल्टर किसान

छतरपुर 32,594
मंदसौर 26,431
दमोह 20,871
जबलपुर 19,005
सीहोर 19,800
सिवनी 17,492
पन्ना 16,727
रीवा 15,888
विदिशा 14,845
गुना 14,875
शिवपुरी 14,693
खंडवा 14,156
बालाघाट 12,987
रतलाम 12,647
बैतूल 12,308
टीकमगढ़ 11,699
ग्वालियर 8,407
भोपाल 2, 407

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