छत वाले पंखों की कीमत में बेतहाशा हुई वृद्धि
1 min readनई दिल्ली – पंखों को बिजली बचत करने वाली स्टार रेटिंग के साथ बेचना 1 जनवरी, 2023 से अनिवार्य हो गया है. नए नियम से सीलिंग फैन के दाम में 8-20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के संशोधित नॉर्म्स के अनुरूप अब बिजली की बचत करने की क्षमता के आधार पर बिजली से चलने वाले पंखों को स्टार रेटिंग दी जाएगी. एक स्टार रेटिंग वाला पंखा न्यूनतम 30 फीसदी बिजली की बचत करता है जबकि पांच स्टार वाला पंखा 50 फीसदी से अधिक बिजली बचा सकता है।
इस बदलाव का जहां हैवल्स, ओरिएंट इलेक्ट्रिक और उषा इंटरनेशनल जैसे प्रमुख पंखा मैन्युफैक्चरर ने स्वागत किया है वहीं इससे पंखों के दाम 5 से लेकर 20 फीसदी तक बढ़ने की आशंका भी है. दरअसल पांच स्टार वाले पंखों में आयातित मोटर एवं इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे लगाने से उनकी लागत बढ़ जाएगी. नई व्यवस्था के तहत अब पंखा बनाने वाली कंपनियों को अपने पंखों पर बिजली बचत करने वाली स्टार रेटिंग का लेबल लगाना जरूरी होगा।
पंखे के लिए देनी होगी ज्यादा कीमत
ओरिएंट इलेक्ट्रिक के एमडी और सीईओ राकेश खन्ना ने इसे ‘बड़ा बदलाव’ बताते हुए कहा है कि स्टार रेटिंग व्यवस्था आने से अब ग्राहकों को अधिक बिजली बचाने वाले उन्नत पंखे मिल पाएंगे. लेकिन इसके लिए ग्राहकों को अब अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि बेहतर रेटिंग पाने के लिए पंखों में उन्नत पुर्जे लगाए जाएंगे. उन्होंने कीमतों में 7 फीसदी वृद्धि की संभावना जताई है.
एक स्टार रेटिंग फैन की कीमत 5-7% बढ़ेगी
उषा इंटरनेशनल के सीईओ दिनेश छाबड़ा ने कहा कि स्टार रेटिंग वाले पंखों के इस्तेमाल से ग्राहकों को बिजली का बिल कम करने में मदद मिलेगी लेकिन इन पंखों की खरीद पर उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा, ‘‘उषा कंपनी का एक स्टार रेटिंग वाला पंखा 5-7 फीसदी और पांच स्टार रेटिंग वाला पंखा 20 फीसदी तक महंगा हो जाएगा।’’
प्रोडक्शन लागत में बढ़ोतरी
हैवल्स इंडिया के अध्यक्ष सौरभ गोयल ने कहा कि नए मानक लागू होने से पंखों की प्रोडक्शन लागत में होने वाली आंशिक बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बदलाव लोगों को बिजली बचत के बारे में जागरूक करने का एक मौका भी है.
200 से अधिक कंपनियां सक्रिय
देश में पंखे का मार्केट करीब 10,000 करोड़ रुपये का है. इंडियन फैन मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (IFMA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस खंड में 200 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं।
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