संविधान दिवस पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
1 min readचित्रकूट – महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में कुलपति प्रोफेसर भरत मिश्रा रहे। अध्यक्षता कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंद लाल मिश्रा ने की। मुख्य वक्ताओं के रूप में प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार व्यास और डॉक्टर नीलम चौरे ने उद्बोधन दिए। भारतीय संविधान को आचरण और अभिव्यक्ति की आचार संहिता बताते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर भरत मिश्रा ने कहा कि संविधान हमें स्वाधीनता देता है स्वछंदता नहीं। हमारी स्वतंत्रता सिर्फ उतनी है, जब तक दूसरे स्वतंत्रता में बाधक न बने।संविधान दिवस हमें एक नागरिक के रूप में राष्ट्र के सभी लोगों से समरस और समभाव के साथ रहने की प्रेरणा प्रदान करता है अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर नंदलाल मिश्रा ने कहा कि संविधान भारतीयता की सामूहिक अभिव्यक्ति है, इसमें संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है। समय के साथ जिन बदलावों को अंगीकार किया जाना था, उन्हें संविधान संशोधन के रूप में शामिल कर संविधान की सार्थकता को समसामयिक बनाए रखने का प्रयत्न हुआ है। भारतीय समाज में जीवन केवल कानूनों के अधीन ही नहीं मर्यादाओं और परंपराओं से भी संचालित होते हैं। ये मूल्य और परंपराएं हमें हमारे प्राचीन ग्रंथों से मिलते हैं।
विषय प्रवर्तन करते हुए राजनीतिक विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ नीलम चौरे ने भारतीय संविधान की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम के दौरान संविधान की विकास यात्रा को भी विद्यार्थियों के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमें अधिकारों और कर्तव्यों दोनों के प्रति सचेत और सजग रहने की प्रेरणा देता है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की चर्चा करते हुए संचार विशेषज्ञ प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि भारत ने जन माध्यमों को संविधान में प्रथक से कोई स्वतंत्रता नहीं दी गई है, बल्कि वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में ही भारतीय नागरिक की स्वतंत्रता निहित है। प्रोफ़ेसर व्यास ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि सोशल मीडिया के इस दौर में हमें अपनी अभिव्यक्ति पर संयम रखना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी बात से देश का समरस सामाजिक ताना-बाना छिन्न भिन्न न हो। माननीय गरिमा को भी ठेस ना पहुंचे।
कार्यक्रम का संचालन व संयोजन डॉ कुमार सिंह ने किया एवं संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया। केंद्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो रघुबंश प्रसाद बाजपेयी ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र व शिक्षक उपस्थित रहे।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०