भारत के हाथ में जी – 20 की कमान
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नई दिल्ली – जी-20 की कमान भारत के हाथ में आ गई है। अगले एक साल तक यह जिम्मेदारी भारत के पास रहेगी। वैश्विक जीडीपी का 80 प्रतिशत इन 20 देशों में सिमटा है। दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी भी इन्हीं देशों में रहती है। आर्थिक और जनसंख्या के आधार पर इन देशों का विस्तार इस समूह की प्रासंगिकता को समझने के लिए काफी है। वैश्विक नीतियों के निर्धारण में यह समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम है। जी-20 की अध्यक्षता से आधिकारिक रूप से कोई अतिरिक्त शक्ति नहीं मिलती है, लेकिन संबंधित देश जी-20 के एजेंडे पर प्रभाव डाल सकता है। भारत भी जी-20 के एजेंड में कुछ ऐसे विषय समाहित करा सकता है। मानवता के समक्ष मौजूद इस समय की कुछ गंभीर चुनौतियों के समाधान की पुरजोर पैरवी करते हुए यह भारत के समक्ष वैश्विक अगुआ बनने का अवसर है। जी-20 के दो ट्रैक रहते हैं। पहला, फाइनेंस ट्रैक, जो सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंकों के गवर्नर के नेतृत्व में काम करता है। दूसरा, शेरपा ट्रैक, जिसमें राष्ट्रप्रमुखों के दूत जिम्मेदारी संभालते हैं। इनके अतिरिक्त 10 एंगेजमेंट ग्रुप भी होते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में संबंधों को मजबूती देते हैं।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश