डायबिटीज मरीज भूलकर भी ना करें लापरवाही
1 min read
सेप्टीसीमिया को आम तौर पर सेप्सिस के नाम से भी जाना जाता है, डायबिटीज के मरीजों पर यह ज्यादा अटैक करती है, यह एक खास तरह का बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
सेप्टिसीमिया यानी सेप्सिस एक ऐसा संक्रमण है जिसकी वजह से लंग्स, लीवर हो या किडनी, अचानक से खराब होने लगते हैं. डायबिटीज के मरीजों को इससे बचने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. डायबिटीज से शरीर और इम्युनिटी सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है. इसलिए सेप्टिसीमिया को अटैक करने का मौका मिल जाता है. इसके बाद इलाज आसान नहीं रह पाता. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों में अगर इस तरह के संकेत मिले तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सेप्टिसीमिया ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों को अपना शिकार बनाता है. यह खास तरह का बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ब्लड शुगर के मरीजों के लिए यह संक्रमण जानलेवा भी साबित हो सकता है।
सेप्टिसीमिया का खतरा किसे ज्यादा?
विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक, सेप्टिसीमिया का सबसे ज़्यादा खतरा कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को होता है. डायबिटीज के शिकार लोगों की इम्युनिटी बिलकुल निचले स्तर पर होती है, इसलिए, डायबिटीज के लोगों को इससे बचने के लिए खास ध्यान देना चाहिए. डायबिटीज के अलावा एचआईवी (HIV), अपेंडिक्स कैंसर, और निमोनिया के मरीजों को भी यह बीमारी अपना शिकार बना सकती है. बुजुर्ग लोगों, प्रग्नेंट महिलाओं, और बच्चों को खास तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए।
सेप्टिसीमिया (Septicemia) के शिकार मरीजों में इम्यून सिस्टम, खून में बड़े पैमाने पर खास तरह के केमिकल रिलीज करता है. ये केमिकल शरीर में सूजन बढ़ाते हैं और कई अन्य बॉडी पार्ट्स को नुकसान भी पहुंचाते हैं. इससे, एक साथ मल्टी-ऑर्गन फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है. कई बार शरीर में खून के थक्के बनने से हार्ट अटैक की स्थिति भी बन सकती है।
सेप्टिक शॉक है जानलेवा ।
डॉक्टरों के मुताबिक, कुछ गंभीर मामलों में इसकी वजह से इंसान का ब्लड प्रेशर अचानक तेजी से गिरने लगता है. इस स्थिति को ‘सेप्टिक शॉक’ के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में इंसान के फेफड़े, किडनी और लीवर एक साथ फेल हो सकते हैं और गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।
सेप्टिसीमिया को कैसे पहचानें?
सेप्टिसीमिया (Septicemia) हमारे शरीर के किसी हिस्से में हो सकता है. इसलिए, उसके लक्षण कई मामलों में अलग-अलग दिखते हैं. इसका कोई भी लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. जानें इसके कुछ शाक लक्षण।
बुखार आना और ठंड लगना
यूरिन कम आना
दिल की धड़कन कम या ज़्यादा होना
मतली और उल्टी आना
दस्त होने लगना
थकान या कमजोरी महसूस होना
शरीर पर चकत्ते हो जाना
स्किन का रंग हल्का होना
ज्यादा पसीना आना
स्किन में चिपचिपापन होना
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश