बरुआ बांध में चोरी छिपे शवों का होता जलदाह, बुन्देली सेना की तत्काल रोंक की मांग
1 min readचित्रकूट – शिवरामपुर क्षेत्र के बरुआ बांध में चोरी छिपे शवों के फेंकने का दौर जारी है। शुक्रवार को बांध पहुंचे बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष को आसपास के ग्रामीणों ने दो शव दिखाए। बुन्देली सेना ने मामले की जानकारी सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता को दी है और इसपर प्रभावी रोकथाम का अनुरोध किया है।
बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि शिवरामपुर क्षेत्र के बरुआ बांध में लोग चोरी छिपे शवों का जलदाह करते हैं।शुक्रवार को जब वह अचानक बांध पहुंचे तो आसपास के ग्रामीणों ने शवों के जलदाह की समस्या बताई।मौके पर बांध में चरवाह ग्रामीणों ने शव भी दिखाए।ज्वलंत समस्या को देखते हुए बुन्देली सेना जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता आशुतोष कुमार से वार्ता की। वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए एक्सीयन से अनुरोध किया गया कि जलदाह की इस परंपरा पर कड़ाई से रोंक लगाई जाए।मौके पर कोई जलदाह करता मिले तो उसके खिलाफ एफआईआर और जुर्माने की कार्यवाही की जाय। अधिशाषी अभियंता ने बांध में चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही अब विभागीय चौकसी बरतने का आश्वासन दिया है।साथ ही ग्रामीणों से अपील की है कि यदि कोई बांध में जलदाह करता है तो इसकी सूचना तुरंत सिंचाई विभाग और पुलिस को दी जाय। इसी तरह मंदाकिनी नदी के सूरजकुंड और भौंरा दहार में वर्षों पहले बड़े पैमाने पर जलदाह होता था। इन स्थानों पर भी चेतावनी बोर्ड लगाने की जरूरत है ताकि कोई भी व्यक्ति जलदाह न करे। बुन्देली सेना ने लोगों से अपील की है कि किसी भी जलाशय, नदी, तालाब या बांध में जलदाह कतई न करें।यह हम सभी के भविष्य के लिए घातक है।शवों का अग्निदाह ही किया जाय।
रूढ़िवादी परम्पराओं को समाप्त किया जाना चाहिए।
सुभाष पटेल ब्यूरोचीफ भारत विमर्श चित्रकूट उ०प्र०