उद्धव ठाकरे ने दिया इस्तीफा
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नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उद्धव ठाकरे ने 9.30 बजे फेसबुक लाइव पर संबोधन दिया और फिर अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. त्यागपत्र से पहले फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने परोक्ष तौर पर शिवसेना के बागी गुट एकनाथ शिंदे पर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा, शिवसेना ने चाय वाले, रेहड़ी वाले को बड़ा कर नेता विधायक बनाया, लेकिन वो उसी को भूल गए. उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराने के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा, विधानपरिषद में नामित विधायकों के प्रस्ताव पर फैसला करते तो बेहतर होता. उद्धव ठाकरे ने कहा, हमने नाराज विधायकों को मुंबई आने और अपनी बात रखने का प्रस्ताव भी दिया, इससे ज्यादा हम क्या कर सकते थे. महाराष्ट्र में 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को रोकने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल फ्लोर टेस्ट का नतीजा 11 जुलाई की सुनवाई के अधीन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे फ्लोर टेस्ट को नहीं रोक सकते. शिवसेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम करीब 3.30 घंटे सुनवाई की. शिवसेना (Shiv Sena) की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा, नेता विपक्ष रात को दस बजे राज्यपाल से मिलने गए और फिर कल 11 बजे के लिए फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया गया. सिंघवी ने कहा, ये सुपरसोनिक स्पीड से आदेश दिया गया। शिंदे गुट की ओर से वकील नीरज कौल ने सुप्रीम कोर्ट में बात रखी. उन्होंने कहा, शक्ति परीक्षण रोका नहीं जा सकता, हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए जल्द ही होना चाहिए. वहीं गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पहले भी कई फैसले हैं, जिसमें 24 घंटे के अंदर गवर्नर ने शक्ति परीक्षण कराने के आदेश दिए हैं।
सिंघवी ने कहा, दो विधायक देश से बाहर
सिंघवी ने बहस शुरू करते हुए कहा, कांग्रेस के दो विधायक देश से बाहर हैं और 2 एनसीपी के विधायक कोरोना से ग्रसित है.24 घंटे में बहुमत परीक्षण के लिए कहा गया है. सिंघवी बोले, गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को पता था कि मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पास है. मान लीजिए 11 जुलाई को कोर्ट विधायकों की याचिका खारिज कर देता है और 2 दिनों में स्पीकर अयोग्यता का फैसला देता है. ऐसे में क्या वो कल वोट दे सकते है? यह मामला सीधे तौर पर अयोग्यता से जुड़ा है. 34 विधायकों द्वारा डिप्टी स्पीकर को लिखे गए पत्र पर सवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये 34 विधायक किस तरफ हैं, ये फ्लोर टेस्ट से पता चलेगा।
शिंदे गुट ने कहा, शक्ति परीक्षण रोका नहीं जा सकता
शिंदे गुट की ओर से वकील नीरज कौल ने सुप्रीम कोर्ट में बात रखी. उन्होंने कहा, शक्ति परीक्षण रोका नहीं जा सकता, हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए जल्द ही होना चाहिए. फ्लोर टेस्ट अयोग्यता के किसी लंबित मामले पर निर्भर नहीं करता है. जिस मुख्यमंत्री को बहुमत का भरोसा हो, वह फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तत्पर रहता है, लेकिन SC ने ही पहले के फैसलों में कहा है कि यदि मुख्यमंत्री अनिच्छुक दिखे, तो लगता है कि वह जानता है, वह हारने वाला है. उद्धव ठाकरे सरकार शक्ति परीक्षण से क्यों घबरा रही है.शिंदे गुट के वकील नीरज कौल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, फ्लोर टेस्ट को रोका नही जा सकता।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश