क्या महज 4 पुलिस कर्मी ही जिले की पशु तस्करी के हैं सरगना
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सतना- जिले पशु तस्करी कोई नई बात नहीं है।सालों से जिले से पशुओं का अवैध परिवहन बेरोकटोक जारी है।किसी पुलिस अधीक्षक ने ज्यादा सख्ती की तो कुछ दिनों के लिए बंद हो जाता है और फिर मामला ठंडा होते ही खेल फिर शुरू।अभी हालिया मामले पर नजर डालें तो अनुविभागीय अधिकारी नागौद की रिपोर्ट पर कई सवालिया निशान उठ रहे हैं,
1.क्या पशु तस्करी के वाहन महज कोठी,सिविल लाइन और सभापुर से गुजरते हैं।
2.आखिर पशु तस्करी के वाहनों का रूट क्या है।क्या पशु तस्करी की ये कहानी सिविल लाइन से शुरू होकर सभापुर में समाप्त हो जाती है।
3.जिले में पूर्व के पशु तस्करी के इतिहास को उठाएं तो रामनगर,अमरपाटन या अमदरा से जिले में पशु तस्करी की गाड़ियां प्रवेश करती हैं और या तो नागौद, सिंहपुर या सतना शहर होते हुए कोठी मझगवां के रास्ते बरौंधा से निकल जाती हैं।
4.अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऐसी परिस्थिति में सिर्फ 3 थानों के ही पुलिस कर्मी दोषी क्यों हैं,क्या सच में रास्ते में पड़ने वाले अन्य थाना प्रभारी और पुलिस कर्मी क्लीनचिट पाने के हकदार हैं।
बहरहाल,नवागत पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा पशु तस्करों के खिलाफ चलाई गई ये मुहिम अत्यंत सराहनीय है लेकिन एसडीओपी नागौद की मामले में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवालिया निशान उठ रहे हैं।

आहेस लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना म०प्र०