May 18, 2024

क्या यही है मोदी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ़ नीति जिसका वो हमेसा दम भरते हैं ?

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New Delhi: Prime Minister Narendra Modi addresses at the launch of the Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana in New Delhi on Thursday. PTI Photo by Manvender Vashist (PTI8_28_2014_000167B)

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दिल्ली: अभी कुछ दिन पहले कि ही बात है जब देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने अरब देशों के हाल ही में हुये दौरे में कहा था कि जब से हमारी सरकार बनी है तब से देश में कोई ये सवाल नहीं करता है कि कितना पैसा गया अब सभी ये प्रशन करते हैं कि मोदी जी कितना आया। अब इसे संयोग कहें या कुछ और अचानक ही एक बड़ा घोटाला पंजाब नेशनल बैंक में सुनने को मिलता है । और जब घोटाला देश के सामने आता है तब हमेशा कि तरह जैसे कि अन्य सरकारें भी पहले करती आई हैं इस सरकार ने भी अपना पल्ला झाड़ते हुये सीधे तौर पर ये कह दिया है कि ये घोटाला तो हमने नहीं किया है जी ये पिछली सरकार द्वारा किया गया पाप है जो अब सामने आ रहा है । हालाकि विपक्ष का कहना है कि इस पूरे प्रकरण कि जानकारी PMO को पहले से ही थी लेकिन उसके बाद भी सरकार ने इस पर कोई ठोस कारवाई नहीं कि , ये तो रही पक्ष और विपक्ष कि बात एक दूसरे के उपर दोषारोपण करने कि जो हमेशा से इस देश में चलता रहा है । लेकिन इन सब के बीच हमें ये समझने कि आवश्यकता है कि जो 11000 करोड़ से उपर का धोटाला हुआ है उसमें नुकसान किसको हुआ है सरकार, मंत्रीयों को उनकी नीजी संपत्ती को या फिर जनता को उसकी गाढ़ी कमाई को जिसे ये जनता टैक्स के रुप में सरकार को देती है ताकि देश आगे बढ़ सके लेकिन इन सब कि फिक्र सरकार को कहां । इस देश में अगर कोई आम आदमी बैंक से कर्ज ले लेता है और वो किसी कारणवस उसे लौटाने में असमर्थ हो जाता है तो यही बैंक और सरकार उसकी तमाम संपत्ती को जब्त करने में तनिक भी देर नहीं लगाते लेकिन ठीक इसके उलट बड़े-बड़े रसूखदारों के आगे बैंक से लेकर सरकार तथा सरकार के सारे सरकारी तंत्र बौने से नज़र आने लगते हैं या कहें तो एक तरह से शक्तिहीन से हो जाते हैं या सीधे तौर पर ये कहें कि तमाम सरकारी ताम-झाम को शक्तिहीन बना दिया जाता है क्योंकि अगर इन रसूखदारों पर कारवाई कि गई तो इन राजनीतिक पार्टीयों को चुनावों के दौरान चंदा कौन मुहैया करायेगा और अगर चंदा नहीं मिलेगा तो अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाया कैसे जायेगा और पार्टी की गाड़ी को चलाया कैसे जायेगा । खैर ये तो रही वो बातें जिनकी हमें आदत हो चुकी है और वैसे भी इस देश ने तो बड़े-बड़े धोटाले देखे हैं ये तो कुछ भी नहीं है और मुझे पता है कि 2-4 दिनों के बाद इसे भी भुला दिया जायेगा हमेंसा कि तरह और इससे ज्यादा हम उम्मीद भी नहीं कर सकते अपने आप से , सरकार से और अपनी सोच से क्योंकि ये जो भ्रषटाचार है वो हमारा स्वभाव बन चुका है । PNB घोटाला सामने आने के बाद जहां सरकार कि ओर से देश के वित्त मंत्री को सामने आकर बयान देना चाहिये था तो वहीं इसके ठीक विपरीत देश कि रक्षामंत्री और विधी (कानून) मंत्री आकर बयान दे रहे हैं अब सरकार ने ऐसा क्यों किया ये तो सरकार जानें लेकिन ये बात दर्शाती है कि सरकार भ्रष्टाचार और घोटालों के प्रति कितनी गंभीर है ।

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