शहरी आगनवाड़ी केंद्रों के हाल बेहाल है बच्चो को नही मिल पा रहा भरपेट खाना
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सतना- जहाँ एक ओर सरकार आगनवाड़ी केंद्रों को हर तरह की व्यवस्था दे रही हैं बच्चो के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था कर रही हैं लेकिन इन बच्चो की थाली में पहुँचने वाला भोजन इतने हाथों से हो कर गुजरता हैं कि इन बच्चो की थाली में आते आते ना के बराबर रह जाता हैं जिससे बच्चे भूखे ही रह जाते है। शहरी आगनवाड़ी केंद्रों में 9500 बच्चे है जिन्हें कभी भी पूरा भोजन आज तक नही मिल पाया हैं ।वही सूखा राशन को देख कर कोई भी कह सकता हैं कि ये खाने लायक तो बिल्कुल नही हैं शहरी क्षेत्र में राशन देने की जिम्मेदारी NULM शहरी आजीविका मिशन के तहत दर्ज स्वसहायता समूहों को दी गई हैं अगर इन स्वसहायता समूहों की जांच की जाए तो असली हकीकत सामने आ जायेगी की कितना राशन बच्चो को दिया जा रहा हैं ।शहरी आगनवाड़ी केंद्रों में बच्चो के नाम का राशन कई अधिकारी डकार रहे है जिन्हें बच्चो से कोई मतलब नही हैं बस अपनी जेब मे बच्चो का राशन डालते जा रहे।आंगनवाड़ियों के हाल ये हैं कि 30 बच्चो के लिए जो खाना आता हैं उसे देख कर कोई भी कह सकता हैं कि ये मुश्किल से 5 बच्चो के लिए भी नही हो सकता , और मीनू के आधार पर जो खाना बच्चो को दिया जाना चाहिए वो भी नही मिल पा रहा हैं वही अभी कुछ शहरी आगनवाड़ीयो में अभी भी रोजाना खिचड़ी दी जा रही हैं और शहरी अधिकारी कुछ भी नही कर रहे है आखिर क्यो ?
आहेश लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना म०प्र०