अयोध्या से भरत यात्रा पहुंची चित्रकूट
1 min readचित्रकूट- अयोध्या से चलकर आयी भरत यात्रा आज चित्रकूट के कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर स्थिति भरत मिलाप मंदिर में पहुची। जहां पे चित्रकूट के सभी साधु -संतो ने अयोध्या से आए संतो का स्वागत किया गया। अयोध्या के साधु -संतो से बात करने पर उन्होंने बताया कि चित्रकूट एक बेहद पावन स्थल हैं।
यहीं से खड़ाऊं लेकर गए थे भरत।
मान्यता है कि यहां पर भगवान राम ने वनवास के 14 सालों में से साढ़े 11 साल यहीं बिताए थे। बाद में उन्हें तलाशने उनके भाई भरत निकले। तो यहीं दोनों भाइयो का मिलाप हुआ था। आज भी यहां दोनों के पैरों के निशान देखे जा सकते हैं। मान्यता तो यह भी है कि जिस जगह पर राम व सीता जी के कदम पड़ते थे,वहां पत्थर भी पिघल जाते थे। भरत जी के लाख समझाने के बाद भी भगवान राम नहीं माने। उन्होंने वनवास पूरा करने की बात कही। जिसके बाद यहीं से भरत श्री राम के खड़ाऊं लेकर चले गए थे। यह यात्रा स्वामी श्री श्री पूज्य न्यत्यगोपाल जी महाराज एवं उत्तराधिकारी स्वामी श्री कमल महाराज के मार्गदर्शन में पूरी यात्रा सम्पन्न कराई जाती है और यह यात्रा रामघाट मन्दाकिनी आरती के बाद बजरंग आश्रम में विश्राम करेगी। कल दिन वृहस्पतिवार को भंडारे के उपरांत चित्रकूट चारो धाम की यात्रा प्रारम्भ होगी।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र