जैविक खेती व रिलांयस फाउडेंसन की सलाह से किसान की बढी दोगुनी आमदानी
1 min readपन्ना – किसान कोशल किशोर कुशवाहा निवासी भिलसाय तहसील देवेन्द्रनगर मे ने बताया कि मेरे परिवार मे सात सदस्य है । सभी एक ही परिवार मे भीलसाय गाँव मे ही रहते है । खेती और पशुपालन ही हमारे परिवार के आजीविका का साधन है । खेती का यह काम हम पीढ़ियो से करते आए है । मै अभी पिता जी के साथ खेती करता हू हमारे पास 5 एकड भूमि हे; जिसमे खरीफ सीजन मे धान लगाते है और रवि सीजन मे गेहू और चना की फसल की खेती करते है । खेती का काम कठिन परिश्रम का है । आजकल खेती मे लागत अधिक है तथा उत्पादन कम है । ऐसे मै समय की हिसाब से आधुनिक खेती करने की जरूरत है जिसमे खेती मे सतत विकास की संभावना बनी रहे । अगर हम बात खेती मे लागत की करे तो रासायनिक खाद का मूल्य बहुत अधिक हे जिसमे खेती मे पुजी अधिक लगती है । रिलायंष फाउन्डेषन से मे पिछले 3 – 4 सालो से जुडा हू । रिलायंस फ़ाउंडेशन से जुडने के बाद मैंने अपने खेती के तरीको मै थोड़े थोड़े परिवर्तन करना शुरू कर दिया था ।जिसका फायदा भी समझ मे आने लगा जैसे की खेत मे किट रोग कम लगता है बीमारिया नहीं लगती आदि । अब मे रिलायंस फ़ाउंडेशन के कार्यक्रमो मे हिस्सा लेता रहता हू, अभी कु तभी मैने अपनी समस्या बताई कि फसलो मे रासाछ दिन पहले मैंने औडियो कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम मे भाग लिया उस समय यह कार्यक्रम उत्यांकि विभाग के साथ मै आयोजित हुआ जिसमे विभागीय योजनाओ के विषय मे जानकारी दी गई । अब जब हमे भी समझ आने लगा की रासायनिक खाद डालने से हमारी भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है तथा मूल्य भी अधिक है, तब मैंने जैविक खाद जैसे केचुआ खाद का प्रयोग करने की बात उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियो से की उन्होने बताया यह बहुत अच्छी बात है और जैविक खेती को राज्य सरकार बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है इसके विषय मे भी बताया । मैने अपनी रूचि दिखाई और आग्रह किया कि इसमे क्या क्या सामग्री लगती है तो उन्होने बताया कि इसमे बर्मी बेड केचुआ तथा पुराना गोबर की आवष्यकता होती है तभी उधानिकी विभाग के दारा निषुल्क बर्मीबेड तथा केचुआ देने की योजना थी फिर उन्होने मेरा पंजीयन उधानिकी विभाग मे करवाया तथा बर्मी बेड के लिए आवेदन भी किया और मेरा नाम बर्मी बेड की सूची मे आ गया और मुझे 2 बर्मी बेड और 2 किलो केचुआ निषुल्क मिले फिर मैने अपने घर पर बर्मी बेड को लगा दिया है और केचुआ तथा पुराना गोबर को बर्मी बेड मे डाल दिया है अब मे स्वंय से खाद बनाउगा और खेतो मे डालूगा जिससे खेती मे लागत भी कम होगी तथा रासायनिक खाद के दुस्प्रभाव से मे और मेरा परिवार तथा मेरी भूमि भी स्वस्थ रहेगी । इस प्रकार जहां हर बार मै अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा खाद को खरीदने मे लगा देता था उस हिसाब से अब हमारी कमाई की बचत होगी । एक अनुमान के हिसाब से हर सीजन मे हमे कम से कम चालीस हजार की सालाना बचत होगी जो की हम जैसे छोटे किसानो के लिए बड़ी बचत है । रिलायंष फाउन्डेषन का बहुत बहुत आभारी हू जिनके प्रयासो से यह संभव हो सका है मे रिलायंस फाउडेषन की इन सुविधाओ के लिए उनका धन्यवाद देता हॅू जो कि इन परिस्थितियो मे भी हम जैसे किसानो का सहारा बने हुए हैऔर हमे आगे बढने मे मदद करते हैं और हमे नइ नइ तकनीक से अवगत कराते रहते है मै फसलो से संबंधित जानकारी के लिए रिलायंस फाउडेषन के टोल फ्री नम्बर 18004198800 पर सम्पर्क करता हूँ मै रिलायंस फाउन्डेषन के इस सहयोग के लिए उनका आभारी हूँ और आगे भी सलाह लेता रहूगा।
संदीप विश्वकर्मा ब्यूरोचीफ भारत विमर्श पन्ना म०प्र०