May 14, 2024

ब्रेकिंग न्यूज- मकान को किराये पर लेने या देने से पहले ये नया कानून पढ़ लीजिये

1 min read
Spread the love

मकान मालिक और किरायेदार के किच-किच भरे रिश्तों के सुनहरे दिन आने की उम्मीद जगी है. अब मकान में कोई भी काम होना होगा, तो ये नहीं होगा कि हम कराएं-तुम कराओ. इसके लिए बाकायदा मसौदा तैयार हो गया है, उसी के हिसाब से चलना होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 2 जून यानी बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें Model Tenancy Act यानी मॉडल किरायेदारी कानून को पास कर दिया गया. इसके जरिये मकान मालिक और किरायेदार के हितों की रक्षा और दोनों की ज़िम्मेदारियों को बांटने की कोशिश की गई है. इसमें एक बात जिसका ख़्याल मकान मालिक और किरायेदार दोनों को रखना है, वो ये कि रेंट अग्रीमेंट ज़रूर बनवाना है. इसके अलावा एक वेरिफिकेशन फॉर्म भी रेंट अथॉरिटी में जमा करना होगा
रेंट अथॉरिटी क्या है?
नए कानून को केंद्र की तरफ से अब राज्यों के पास भेजा जाएगा. राज्य इस कानून को इसी शक्ल में स्वीकार कर सकते हैं या अपनी ज़रूरतों के हिसाब से इसमें कुछ बदलाव भी कर सकते हैं. चूंकि ये राज्य का विषय है. राज्य इसके तहत रेंट अथॉरिटी गठित करेंगे. रेंट अथॉरिटी किसी भी संपत्ति को किराये पर लेने और देने वाले के बीच कानून का पालन सुनिश्चित करेगी. प्रॉपर्टी को किराये पर उठाने से पहले रेंट अथॉरिटी को बताना होगा. किराये से लेकर रेंट अग्रीमेंट तक की सारी जानकारी देनी होगी. कोई विवाद होने पर किरायेदार और मकान मालिक इसी के पास जाएंगे. राज्य सरकारों को रेंट कोर्ट और रेंट ट्रिब्यूनल भी बनाने होंगे, जहां इससे जुड़े गंभीर विवादों का निपटारा होगा
रेंट कोर्ट या रेंट ट्रिब्यूनल के पास जो भी मामला जाएगा, उसका 60 दिन में समाधान करना होगा. रेंट अग्रीमेंट या किरायेदारी से जुड़ी बाकी सेवाओं के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी तैयार किया जाएगा, जो स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा. ये कानून अभी तक हो चुके रेंट एग्रीमेंट्स पर लागू नहीं होगा. इस कानून के लागू होने की तारीख के बाद जो रेंट एग्रीमेंट होंगे, सिर्फ उन्हीं को इसकी शर्तों के हिसाब से चलना होगा. ये कानून के नियम शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लागू होंगे.
मकान मालिकों के लिए क्या है?
इस कानून के लागू होने के बाद किसी प्रॉपर्टी को किराए पर देने या लेने से पहले लिखित में एग्रीमेंट करना होगा.
रेंट अग्रीमेंट पूरा होने के बाद भी अगर किरायेदार मकान खाली नहीं करता, तो मकान मालिक दो से चार गुना ज्यादा किराया मांग सकेंगे
मकान मालिक अगर संपत्ति में कुछ रेनोवेशन का काम कराता है, तो किरायेदार की सहमति से किराया बढ़ा सकेगा।
जब किरायेदार को मकान खाली करना हो, और अगर मकान मालिक को लगे कि उसने प्रॉपर्टी में कुछ नुकसान किया है तो वह सिक्योरिटी मनी में से पैसे काट सकता है. कोई विवाद होने पर रेंट अथॉरिटी निपटारा करेगी.
किरायेदारों के लिए क्या है?
मकान मालिक 2 महीने से ज़्यादा का एडवांस किराया नहीं ले सकेगा.
रेंट अग्रीमेंट में तय समय पूरा होने से पहले मकान खाली करने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा।
मकान मालिक को घर का मुआयना करने या कोई रिपेयर वर्क कराने से 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी
तय समय के पहले किराये में किसी तरह का बदलाव करने के लिए तीन महीने पहले नोटिस देना होगा।
मकान मालिक किसी भी स्थिति में किरायेदार की बिजली, पानी जैसी ज़रूरी सुविधाएं बंद नहीं कर सकेंगे।
अगर कोई किराएदार प्रॉपर्टी को किसी तीसरे को किराए पर देना चाहेगा तो मकान मालिक की सहमति से ही ऐसा कर पाएगा। इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी?
आप कह सकते हैं कि इनमें से अधिकतर बातें तो अभी भी फॉलो की जा रही थीं, फिर सरकार को अलग से Model Tenacy Act लाने की क्या ज़रूरत आन पड़ी?
2011 की जनगणना के मुताबिक, देश के शहरी इलाकों में करीब 1.1 करोड़ मकान खाली पड़े हैं. फिलहाल किरायेदार और मकान मालिकों के बीच नियमों की स्पष्टता कम और जटिलता ज़्यादा है. इस वजह से कई लोग तो मकान किराये पर देने से ही हिचकते हैं.  उन्हें ये भी डर रहता है कि कहीं किरायेदार मकान पर कब्जा न कर लें. किरायेदार भी तमाम सोच-विचार के बाद ही मकान लेता है. सरकार का मानना है कि इन कानूनों से देश में मकानों को किराये पर उठाने में मदद मिलेगी. और अगर मकान को किराये पर लेने का सिस्टम आसान बनाया जा सका तो मोदी सरकार की 2022 तक सबको घर योजना को बूस्ट मिल सकता है।

भारत विमर्श भोपाल म०प्र०

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.