जंगल में लगी आग
1 min readसतना- स्लग-वनपरिक्षेत्र बरौंधा के जंगल में चार दिनों से लगी आग वन अमला पूरी तरह बेखबर होकर जुटा कमाई में। सतना जिला के बरौंधा परिक्षेत्र में गर्मी का मौसम आते ही जंगल पूरी तरह से जल कर राख हों जातें हैं । विभाग बस खाना पूर्ति करते ही रह जाता है, विभाग को पता ही नहीं चल पाता की हमारे क्षेत्र में क्या हो रहा है, क्योंकि वन अमले को सिर्फ जंगल की अवैध रूप से होने वाली कमाई से मतलब रहता है। यहां तो पूरे जंगल जल कर राख हुए जा रहें हैं। क्षेत्र के जंगलों में चार दिन से आग धधक रहीं है, हरे भरे पेड़ जल कर राख हों रहे हैं और आग के चपेट में भी आ रहे हैं। इस क्षेत्र में जंगली जानवरों के लिए अत्याधिक निवासरत माना जाता है। इसी वर्ष बाज की गणना में बरौधा को प्रदेश में पहला स्थान मिला है। जानवर भुखे रहने को मजबूर हो रहे है, क्योंकि खाने के लिए हरे भरे पत्ते बचें ही नहीं सब आग में जल गये। जानवर मजबूर होकर अपना ठिकाना बदल रहे हैं। सरकार करोड़ों रुपए वृक्षारोपण के नाम से हर साल पूरे प्रदेश में खर्च करती हैं,लेकिन विभाग के अधिकारी वृक्षारोपण करने के बाद भूल जाते हैं, कि वृक्षारोपण हुआ कहां है, क्योंकि जिस जंगल पर वृक्षारोपण किया गया था, आज वह जंगल आग में जल कर राख हों गया। जब विभाग को आग लगने की सूचना दी गई, तो रेंजर दिग्विजय सिंह का कहना यही रहा कि, मैं रीवा जा रहा हूं, स्टाप आग बुझाने का कार्य कर रही है, जबकि विभाग के बीट प्रभारी आराम से घर में सो रहे हैं। जबकि जंगल में मौके पर कौई मौजूद ही नहीं था। आखिरकार विभाग के अधिकारी चाह क्या रहें हैं?
सतेन्द्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार भारत विमर्श चित्रकूट म.प्र.