श्रीराम कथा के आयोजन का छठा दिन
1 min readरामप्राण प्रिय जीवन नीकें , स्वारथ रहित सखा सबहिके ।।
चित्रकूट। भगवान कामदगिरी की तहलटी मे आयोजित श्रीराम कथा के छठवें दिवस पर उपस्थित अपार जनसमूह को कथा सुनाते हुए जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं आपको आज अपनी कथाओं की ऋंखला मे 1289वीं समायोजित बाल ब्रम्हचारी हनुमानजी के विग्रह का दर्शन आप सभी को करा रहा हूँ। यही हनुमानजी हमारी सभी कथाओं के साक्षी बनें हैं। हजारों करोड़ों जीवों का तप होती हैं तब हमें राम कथा मिलती हैं। जगदगुरु जी ने परमात्मा और जीवात्मा की चर्चा करते हुए कहा कि परमात्मा और जीवात्मा दोनों एक पक्षी के रूप है। यह शरीर एक वृक्ष के समान है, इस पर अनादिकाल से दोनों चिपके हुये हैं।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि पीठाधीश्वर खजुरीताल श्री रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामललाचार्य जी महाराज ने जगदगुरु जी को माला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि आज आप जैसे महापुरुष इस धरा धाम पर कोई नहीं है। आप श्री भारतीय संस्कृति साधना के प्रतीक हैं। जो संपूर्ण संतों, महंतों का मार्ग दर्शन कर रहे हैं। मैं आपके उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास जी को भी बहुत शुभाशीष देता हूँ कि आपकी धर्म रथ की विजय पताका फहराए। कथा के मुख्य यजमान नीलेश मोहता धर्म पत्नी श्रीमती प्रीति मोहता और सपरिवार , प्रो0 योगेश चंद्र दुबे, आर0 पी0 मिश्रा , एन बी गोयल, मनोज पांडेय , एस0 पी0 मिश्रा , विधालय की प्राचार्या सुश्री निर्मला वैष्णव व विद्यालय के समस्त स्टाफ व विश्वविद्यालय परिवार , तुलसीपीठ व राघव परिवार के भक्त गणों मे राजीव नयन लूथरा दिल्ली , बासुदेव अग्रवाल , नन्द किशोर पांडेय , प्रेम शंकर पांडेय और.कामता से प्रतिष्ठित क्षेत्रीय नेता राजेंद्र त्रिपाठी चाचा, दिनेश दिवेदी छोटे नेता , हरभूषण तिवारी, शिव दत्त मिश्रा, रामेश्वर मिश्रा सहित हजारों लोगों ने कथा श्रवण किया।
जावेद मोहम्मद(विशेष सवांददाता), भारत विमर्श चित्रकूट मप्र.