जगद्गुरु रामभद्राचार्य के 72वें जन्मदिवस को हर्षोउल्लास से मनाया
1 min readचित्रकूट। भगवान कामतानाथ की तलहटी में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए पदम्. विभूषित जगदगुरु रामभद्राचार्य जी के द्वारा बताया गया कि मेरा जन्म मकरसंक्रांति के अवसर पर हुआ है तो मुझे प्रत्येक हिन्दू को गले लगाना ही होगा। भारतीय संस्कृति मेरी प्रतिक्षा कर रही हैं तो मुझे उसकी रक्षा करना मेरा धर्म हैं। एशिया का एकमात्र दिब्यांग विश्वविद्यालय बनाया गया है जो सभी दिब्यांग भाई – बहनों को नि:शुल्क शिक्षित-प्रशिक्षित कर रहा है। विश्वविद्यालय परिवार ने 72 किलो की माला पहनाकर स्वागत किया। कामता विद्यालय और राघव परिवार तुलसीपीठ आश्रम द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। आज सभी संस्था द्वारा संयुक्त रूप से परम पूज्य गुरुदेव को जन्मदिन की बधाई दी। इस अवसर पर जगदगुरु जी को अशोक सिंघल परिषद की तरफ से सम्मान पत्र व एक लाख रुपये का चेक भेंट किया गया। अतिथियों मे कुलपति प्रो० योगेश चंद्र दुबे, वित्त अधिकारी आर.पी.मिश्रा, विश्वविद्यालय की संगीत विभाग प्रभारी डा. ज्योति विश्वकर्मा ने जगदगुरु जी को सोहर गीत गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर चित्रकूट के जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय, कर्वी पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा, राजा हेमराज चतुर्वेदी, चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष चित्रकूट डा.प्राची चतुर्वेदी पटेरिया, आनंद मोहन पटेरिया, चित्रकूट धाम के आई.जी. के०सत्यनारायण, चित्रकूट आयुक्त गौरव दयाल, पुलिस अधीक्षक चित्रकूट अंकित मित्तल, प्रियांशु चतुर्वेदी(प्रधान संपादक भारत विमर्श), योगेश पांडेय लखनऊ, डा. अवनीश चंद्र मिश्रा व नीता मिश्रा लखनऊ, प्रो. एस.सी. तिवारी, डा.एस.एस. मिश्रा प्रयागराज, कथा के मुख्य यजमान नीलेश मोहता व धर्म पत्नी प्रीती मोहता जी सहित संतगण, भक्तजन हजारों की संख्या में उपस्थित रहे। मंच का संचालन डा.सुरेंद्र शर्मा द्वारा किया गया।
जावेद मोहम्मद(विशेष सवांददाता), भारत विमर्श चित्रकूट मप्र.