आरोग्यधाम चित्रकूट मप्र में आयुर्वेदिक औषधियों के गुणवत्ता युक्त निर्माण के लिए हुआ प्रशिक्षण
1 min readअसरकारक हानि रहित आयु्र्वेद औषधियों के निर्माण हेतु गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यक – महाजन
चित्रकूट। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार) के स्फूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत आयुर्वेद औषधियों का मूल्य संवर्धन एवं अच्छी उत्पादन कार्यप्रणाली पर आज दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट मप्र के आरोग्यधाम में प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। आयुर्वेदिक औषधियों के गुणवत्ता युक्त निर्माण का प्रशिक्षण डॉ सुजीत दलाई एम.डी. रसशाला भुवनेश्वर द्वारा दिया गया। इस प्रशिक्षण में चित्रकूट क्षेत्र के 25 आर्टीजन ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में अच्छी गुणवत्ता युक्त दवाइयां जैसे चूर्ण, क्वाथ चूर्ण, अर्क, आसव, अरिष्टासव, वटी, घनवटी अवलेह, सत्व आदि पर संबंधित विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सभी आर्टीजन को आरोग्यधाम की फार्मेसी में ले जाकर दवाइयों के निर्माण का लाइव प्रशिक्षण एवं प्रयोगों को बताया गया।
प्रशिक्षण के उद्घाटन अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि औषधि निर्माण व्यापक होकर उद्योग का रुप लेने लगा है। एक ओर कई सिंथेटिक औषधियों पर लग रही पाबंदी एवं उनके साईड इफेक्ट्स, दूसरी ओर जीर्ण व्याधियों हेतु मार्डन औषधियों की अनुपलब्धता के कारण विश्व का रुझान आयुर्वेदिक औषधियो की ओर बढ़ा है। अत: गुणवत्ता युक्त असरकारक एवं हानि रहित आयु्र्वेद औषधियों के निर्माण हेतु गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यक हो गया है। इसके लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बेहद कारगर साबित होगा।
सुभाष पटेल की रिपोर्ट के अनुसार विशेष संवाददाता जावेद मोहम्मद,भारत विमर्श चित्रकूट मप्र