किसान दिवस के अवसर पर किसानों का दर्द समझो
1 min readबाँदा (बबेरू) :- मर रहा सड़कों पर आज किसान है कैसे कह दूं इस दुखी मन से कि “मेरा भारत महान है”
केंद्र सरकार के किसान विरोधी काले कानून में मारे गए सभी किसानों को इस किसान दिवस पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि!!!
अपना दल एस पार्टी बबेरू के विधानसभा अध्यक्ष अरुण कुमार पटेल जी की वाल से अगर आज हम घर पर आराम से दो वक्त की रोटी खा रहे है तो उसकी वजह है खेत पर मेहनत करने वाला किसान और इस किसान के लिए हर साल भारत में २३ दिसंबर को एक दिन विशेष मनाया जाता है ।
किसान के लिए एक शब्द है और वह शब्द है “बलिराज” जिसका अर्थ है बलिदानों का राजा। एक राजा जो लोगों को भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बलिदान करता है। जब किसी होटल में बहुत सारे टेस्टी व्यंजन पर गए और अगर हमें डिश पसंद नहीं है, तो हम खाना बंद कर देते हैं और एक और स्वादिष्ट डिश ऑर्डर करते हैं और वह अधूरा डिश सीधे कचरा बन जाता है लेकिन क्या हम कभी उस किसान के बारे में सोच सकते हैं जो उसे जन्म देता है सुंदर स्वादिष्ट अनाज और कभी भी अपने और अपने परिवार के लिए कम से कम दो समय का भोजन प्राप्त न करें और फिर भी हम कहते हैं कि किसान हमारे लिए अच्छा है! अगर किसान हमारे लिए भगवान है तो हम भगवान के बलिदान क्यो नही स्वीकार कर रहे हैं । आज किसान इतनी ठंड में बैठा है और मर रहा है वो नज़र क्यों नहीं आ रहा। वो भी देश के लिए ही लड़ रहा है।
हम आज किसान दिवस मे सरकार से कहना चाहता हूँ की किसान बिल को वापस लिया जाए ।।
सुभाष पटेल(ब्यूरो चीफ), भारत विमर्श बांदा