किसी चुनौती से कम नहीं है गुनौर की सड़क पार करना…
1 min readपार्किंग व्यवस्था बदहाल होने के चलते जाम हुआ गुनौर अमानगंज का मुख्य सड़क मार्ग !

गुनौर। लाचार और बेबस प्रशासनिक व्यवस्था के चलते मूकदर्शक मुलाजिमों कि अक्षम कार्यशैली का वही पर्याय है कि आज गुनौर का मुख्य सड़क मार्ग अव्यवस्थित तरीके से संचालित है आपको जहां से रास्ता निकलने को मिले, वहां से निकल लीजिएगा, वरना गुनौर में जाम लगना आम बात है? क्योंकि यहां पर पूर्व में अनुविभागीय अधिकारी भूपेंद्र रावत अतिक्रमणकारियों को 24 घंटे के अंदर दुकानों के सामने से अतिक्रमण खाली करने की ताकीद दी थी और उनके द्वारा इस फरमान की नाफरमानी करने की जो जहमत उठाई गई उसका परिणाम सभी को याद है और यह भी याद है कि उन्होंने इस नाफरमानी का परिणाम उन दबंगों को इस कदर से भुगताना था, कि किसी को टीम से निकालने और बाहर के अतिक्रमण को हटाने तक की मोहलत नहीं दी थी फिर क्या था जेसीबी के जबड़ों ने नोच कसोडकर सारा रास्ता ही साफ कर दिया था मगर गंदी राजनीतिक व्यवस्था के चलते उनकी शिकवा शिकायतें हुई और उन्हें चलता कर दिया पूर्व में भी तहसीलदार लाखन सिंह द्वारा यह मुनादी कराई गई थी लोगों को बताया गया था कि दुकानों की बाहर की दुकान को बंद कर दो और ऑटो में बाकायदा भोपू लगवा कर सर्वसाधारण को सूचित किया गया था फिर क्या था लाखन सिंह तहसीलदार की व्यवस्था से भयभीत अव्यवस्था फैलाने वालों को सांप सूंघ गया। नेता-नपड़ियो की चौखट में नाक इसलिए रगड़ रहे थे कि साहब चाहे जो हो जाए तहसीलदार लाखन सिंह को हटवा दिया जाए और हुआ भी यही विधानसभा चुनाव के दौरान जब उन्हें ए.आर.ओ. बनाया गया था उनका सीधे स्थानांतरण कर दिया गया है जबकि यह असंवैधानिक एवं चुनावी प्रक्रिया के विपरीत है यानी इस प्रकार की करतब कार्यशैली में माहिर गुनौर की छुट भैया नेताओं की जमात अब यह मान चुकी है कि यहां पर कोई भी ऐसा अधिकारी नहीं है जो उनकी शान के विपरीत जा सके इससे हमें क्या, मकसद सिर्फ मुख्य सड़क मार्ग का आवागमन सुधारने का है। रविवार की साप्ताहिक बाजार के दिन पहले पुलिस थाना गुनौर की बड़ी बाउंड्री में मोटरसाइकिल एवं साइकिल सहित अन्य छोटे वाहन खड़े कर दिए जाते थे मगर नवागंतुक गुनौर थाना प्रभारी के सख्त रुख के चलते उन वाहनों को वहां से हटा दिया गया क्योंकि वहां पर गंदगी फैलाते थे और दफ्तर के अंदर तक वाहन ले जाते थे फिर क्या था, थाना के प्रभारी बघेल ने अपने वाहनों की स्वयं सुरक्षा करने के लिए वाहन मालिकों को यह हिदायत दिया कि आइंदा थाने के अंदर वाहन नहीं रखिएगा। अब वह समस्या मुख्य सड़क मार्ग में पैदा हो गई। रविवार के दिन जहां पर हजारों दुपहिया और साइकिल वाहन आते हैं, बीच सड़क में ही मोटरसाइकिल लॉक करके अपना सब्जी-भाजी लेने चले जाते है, अब जो अव्यवस्था पैदा होती है वह देखने लायक है, शासन प्रशासन से जनता की यह गुजारिश है कि अगर साप्ताहिक बाजार के दिन पार्किंग व्यवस्था को व्यवस्थित कहीं कर दिया जाए तो सारा झमेला खत्म हो जाएगा और दुकान के बाहर की दुकानें संचालित हैं उनसे भी आरज़ू मिन्नत करके सहयोग करने की अपील दलील की जाए ताकि आवागमन सुगमता पूर्वक संचालित रह सके।
संदीप विश्वकर्मा (ब्यूरोचीफ), भारत विमर्श पन्ना