बॉलीवुड के कई दिग्गजों को अपने इशारों पर नचाने वाली सरोज खान का निधन
1 min readमुंबई। शुक्रवार सुबह बॉलीवुड से एक और बुरी खबर आयी। इरफान खान, ऋषि कपूर के बाद डांस की मलिका कहीं जाने वाली बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन हो गया कार्डिक अरेस्ट के चलते उनकी मौत हुई गुरुवार रात को सांस लेने में तकलीफ होने पर बांद्रा के एक अस्पताल में उनको भर्ती कराया गया था। सरोज खान की निधन के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई बड़े-बड़े कलाकार अपनी भावनाओं के माध्यम से उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। परिवार जनों ने उनको सुपुर्द ए खाक कर दिया है।
बड़े-बड़े फिल्म स्टारों को अपनी उंगली पर नचाने वाली सरोज खान ने अपना फिल्मी करियर मात्र तीन साल की उम्र कलाकार के रूप में प्रारंभ किया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था। 1974 में फिल्म गीता मेरा नाम से स्वतंत्र रूप से उन्होंने कोरियोग्राफर के तौर पर कार्य करना प्रारंभ किया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा 1986 में प्रदर्शित हुई फिल्म नगीना ने उनके करियर को बेहतरीन रफ्तार दी और एक नई पहचान फिल्म जगत में उनको दिलाई उसके बाद 1987 में मिस्टर इंडिया के गाने हवा हवाई और काटे नहीं कटते दिन यह रात उन्हीं के द्वारा कोरियोग्राफ किया गया था, जो काफी लोकप्रिय हुआ था। 1988 में फिल्म तेजाब में माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया गाना एक, दो, तीन भी सुपरहिट रहा गाने ने भी सरोज खान की कोरियोग्राफी को एक बार फिर से बेहतरीन साबित कर दिया सरोज खान को 8 बार सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर भी चुना गया जिसमें उनको तेजाब चालबाज सैलाब बेटा खलनायक हम दिल दे चुके सनम देवदास गुरु फिल्में शामिल थी देवदास श्रृंगार और जब भी मेट के लिए उनको राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था सरोज खान की कोरियोग्राफी ने फिल्म अभिनेताओं को और अभिनेत्रियों को रातो रात स्टार बना दिया उनके कोरियोग्राफ किए हुए गानों के चलते आज श्रीदेवी माधुरी दीक्षित और कई बड़े अभिनेता है जिनको उनकी डांस के लिए खासा जाना चाहता है यह सब सरोज खान की कोरियोग्राफी का ही परिणाम था सरोज खान की कोरियोग्राफी के लिए अमेरिकन कोरियोग्राफी अवार्ड भी दिया गया था।
बॉलीवुड के साथ सरोज खान अपनी डांस एकेडमी भी चलाती थी जिसमें युवा डांसरों को वह डांस के गुण सिखाती थी मुंबई के साथ उनकी अकैडमी दिल्ली और नोएडा शहर में संचालित है सरोज खान का करियर काफी शानदार रहा मगर उनका परिवारिक जीवन ज्यादा बेहतर नहीं रहा 22 नवंबर 1948 को वर्तमान के पाकिस्तान में जन्मी सरोज किशन चंद साधु सिंह नागपाल सिंधी परिवार से थी और उन्होंने अपने से 30 साल बड़े अपने मास्टर से शादी की थी वह पहले से शादीशुदा थे मगर यह बात सरोज खान को उनके बेटे होने तक पता ना चल सके बाद में पता चलने के बाद दोनों के बीच विवाद प्रारंभ हुए जन्म से हिंदू और बाद में मुस्लिम धर्म अपनाने को लेकर सरोज खान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यह धर्म अपनी मर्जी से अपनाया है उन्होंने एक बात का जिक्र किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि उनको एक सपने में मस्जिद दिखती है जिसमें एक लड़की उनको अपने पास बुलाया करती है साथ ही उनका कहना था कि उनको इस्लाम में इबादत करने का तरीका काफी पसंद था इसके कारण उन्होंने इस्लाम धर्म को कुबूल किया सरोज खान के बेटे और दो बेटी है सरोज खान ने अपने फिल्मी करियर में काफी नाम और शोहरत कमायी और बड़े-बड़े कलाकारों को अपनी उंगलीयो पर नचाया उनके जाने के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर है बड़े-बड़े कलाकार उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं।