जाने क्यों नहीं आएगा जेडीयू का घोषणापत्र
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पटना : देश की तक़रीबन सभी पार्टियों ने अपना-अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. मगर अबतक जदयू का घोषणापत्र नहीं आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार इस बार अपना घोषणापत्र जारी नहीं करेंगे. नीतीश कुमार का घोषणापत्र नहीं जारी करना उनकी बहुत बड़ी राजनीतिक चाल है. गौर करे तो जहाँ नीतीश कुमार अपने आप को सेकुलर कहते है, वही दूसरी ओर सांप्रदायिक कही जाने वाली पार्टी भारतीय जनता दल की गोद में बैठने पर भी कोई गुरेज नहीं होता. पिछले लोकसभा में जो साम्प्रदायिक थे और ना जाने कितने सुशोभित शब्दों से नीतीश कुमार ने उन्ही नवाजा था आज वो उन्ही के नोमोनेशन में खड़े नजर आते है. चलता है सब चुनाव है.
बहरहाल वापस मुद्दे पर लौटते है. नीतीश कुमार अयोध्या में राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मुद्दे पर भाजपा से अलग सोच रखती है, अगर घोषणापत्र नीतीश कुमार जारी करते है तो ये मतभेद एक बार फिर सामने आ जाएगी, ऐसे में भाजपा का वोट जो जेडीयू को मिलने वाला है, उसका नुकसान जेडीयू को उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि जेडीयू घोषणापत्र जारी नहीं कर रहा है. सूत्रों के अनुसार जेडीयू ने घोषणापत्र तैयार कर लिया था जिसे 14 अप्रैल को ही जारी होना था. अब वह इसे टालने के मूड में है.
जेडीयू के घोषणपत्र जारी नहीं करने पर राजद ने तंज कस्ते हुए कहा कि ये चुनाव के बाद पलटी मार सकते, अच्छा होता की भाजपा को जूडीयू से स्टांप पेपर पर लिखवा लेना चाहिए. घोषणापत्र जारी नहीं होने को लेकर विपक्ष नीतीश कुमार को बार-बार घेर रही है, वही दूसरी ओर जेडीयू का कहना है कि नीतीश कुमार ने जिस तरह का विकास बिहार में किया है उससे लगता नहीं है कि घोषणाओं की जरूरत है लोगों को अपने नेता पर पूरा भरोसा है.