17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे कमलनाथ
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भोपाल: 15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस लौटे कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया है. 230 विधानसभा सीटों में से 114 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस राज्य में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. कमलनाथ के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सीएम पद की रेस में थे.
राहुल गाँधी के साथ लम्बे बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री की रेस में नहीं है. बैठक के बाद राहुल गांधी ने कमलनाथ और सिंधिया के साथ एक तस्वीर भी ट्वीट किया.
हालांकि कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का औपचारिक ऐलान भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किया गया. जहां पर्यवेक्षक एके एंटोनी ने कमलनाथ के नाम की औपचारिक घोषणा की. कमलनाथ 17 दिसंबर को भोपाल में CM पद की शपथ लेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह भव्य होगा. कमलनाथ के साथ उनके मंत्रीमंडल के 20 सदस्य भी शपथ ले सकते है.
कमलनाथ के नाम कि घोषणा के बाद उन्होंने कहा, “यह पद मेरे लिये मील का पत्थर है. ज्योतिरदित्य का धन्यवाद जिन्होंने मेरा समर्थन किया. इनके पिताजी के साथ मैंने काम किया है इसलिए इनके समर्थन मिलने से मुझे खुशी हो रही है. अब हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, हम सब मिलकर हमारा वचन पत्र पूरा करेंगे. मुझे पद की कोई भूख नहीं. मेरी कोई मांग नहीं थी. मैंने अपना पूरा जीवन बिना किसी पद की भूख के कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया. मैंने संजय गांधी, इंदिरा, राजीव के साथ काम किया है और अब राहुल गांधी के साथ काम कर रहा हूं..”