July 3, 2024

‘बातें अमन की’ पटना में दे गई शांति का संदेश

1 min read
Spread the love

पटना : आज गांधी मैदान, पटना में महात्मा गांधी की मूर्ति के पास ‘बातें अमन की’ आयोजित की गई। देश के विभिन्न राज्यों से यात्रा करती हुई महिलाओं की टोली ‘अमन की यात्रा’ पटना पहुंची। सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्याकताओं की महिला टोली बिहार के अलग-अलग जिलों से गुजरकर आज पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘बातें अमन की’ कार्यक्रम में पहुंची। महिलाओं के जत्थे का स्वागत सुश्री लिमा ने शॉल भेंट कर किया। जीनत अहमद और डेजी नारायण के द्वारा ‘बातें अमन की’ यात्रा में देश की पांचों दिशाओं से पहुंची महिलाओं और पुरूषों को संबोधित किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मानवधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी, पद्म श्री सुधा वर्गीज, बिहार महिला उद्योग की अध्यक्ष उषा झा, प्रेमचंद की नातिन मुक्ता सिन्हा, आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे कर्नल महबूब, पीयूसीएल के पूर्व अध्यक्ष फादर फीलिप मंथरा, लेखक और कवि अरूण कमल, कवि आलोक धन्वा, जीनत अहमद, डेजी नारायण ने किया।

‘बातें अमन की’ एक राष्ट्रीय अभियान है। यह कार्यक्रम शांति के संदेश को लेकर महिलाओं और पुरूषों को प्रेरित करने का काम कर रही है। कार्यक्रम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में संदेश देने का काम किया। कार्यक्रम की शुरूआत श्लोगन एवं नारों के साथ किया गया। कार्यक्रम का आगाज इप्टा द्वारा कबीर और फैज के लिखे गीतों से हुआ। रवींद्र संगीत की प्रस्तुति सुमंतो बनर्जी ने रविंद्र नाथ टैगोर की कविता ‘एकला चलो रे’ गीत से किया। घरेलू कामगार यूनियन की महिलाओं ने आदिवासी लोक नृत्य के साथ शमां बांधा। कार्यक्रम में पाश की कविता ‘हम लड़ेंगे साथी’ का पाठ किया गया। छात्राओं ने गीत सुनाया और कविता पाठ भी किया गया।

मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने इस मौके पर अपने संबोधन में मौजूदा सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार करने जैसे मुद्दों को लेकर आम जनता को जागरूक रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि, ‘देश में मौजूदा हालातों को देखकर अपनी बात कहने का यही एक बेहतर माध्यम है। आज के दौर की राष्ट्रीय मीडिया के पास वक्त नहीं और न ही वहां माहौल है, जहां से जनता तक अपनी आवाज पहुंचाई जाए। जनता की आवज को दबाने की कोशिश की जा रही है। देश को बांटने का काम किया जा रहा है। देश में किसानों, दलितों, अल्पसंख्यकों, छात्रों, आम आदमी के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। देश के संविधान पर खतरा आ गया है। जनता को सजग और एका बनाकर चलने की कोशिश करनी चाहिए। बातें अमन की शुरूआत भी देश में शांति संदेश पहुंचाने के लिए किया गया था। हमारे सफर का मकसद यही है कि जनता तक अपनी आवाज पहुंचाएं और जनता जागरूक बने।

शबनम हाशमी ने ‘अमन की यात्रा’ में शिरकत करने वाली महिलाओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं का ये जत्था देश के कई राज्यों से गुजरकर पटना पहुंचा है। इन्होंने शांति का संदेश लेकर अपनी यात्रा कन्याकुमारी से शुरू की और फिर केरल से असम और पश्चिम बंगाल से गुजरती हुई पटना पहुंची है, और इस जत्थे का अंतिम पड़ाव 13 अक्टूबर को दिल्ली में होगा।

‘बातें अमन की’ यात्रा में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ, बड़ी संख्या में छात्राओं ने शिरकत किया साथ ही आम नागरिक भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन निवेदिता द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जत्थे के रूप में शामिल होने वाली महिलाओं में अचम नगोनमई, प्रीति झा, पूजा भारत, कविता गजेन्द्रन, नसीम मंसूरीबेन, रोशनी गोस्वामी, यसरफ फातिमा, कमलाबेन जयंतीभाई, आतिका सिंह, मंजुला दहयाभई, वी नगम रेनबो, नुजीत फातिमा, शहनाज और अनहद के सदस्य अमित यादव शामिल हुए। यात्रा की शुरूआत 22 सितंबर को किया गया था, और 13 अक्टूबर को दिल्ली में इसका आखिरी पड़ाव होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.