July 27, 2025

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह कांड: सुप्रीम कोर्ट ने हटाई मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक

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पटना डेस्कसुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण कांड में मीडिया रिपोर्टिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही इस मामले की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्टिंग पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा 23 अगस्त को लगाई गयी रोक हटा दी.

कोर्ट ने मीडिया को आगाह किया कि वो ज़िम्मेदारी से काम करे. पीड़िताओं का न इंटरव्यू लिया जाए, न उनकी पहचान किसी तरह उजागर न की जाए.

कोर्ट ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से कहा कि वे यौन शोषण और यौन हिंसा की घटनाओं को सनसनीखेज नहीं बनायें. कोर्ट ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड और नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को इस तरह के मामलों की रिपोर्टिंग पर गाइडलाइंस बनाने में मदद करने के लिए कहा है.

 

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में लड़कियों के कथित बलात्कार और यौन शोषण की घटनायें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंस (टिस) के आडिट में सामने आयी. टिस में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इन घटनाओं का जिक्र किया था.

 

राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित गैर सरकारी संगठन के आश्रय गृह में लड़कियों के बलात्कार और उनके यौन शोषण की घटनाओं की अब सीबीआई जांच कर रही है.

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