December 17, 2025

गायत्री परिवार ने धर्मनगरी में निकाली भब्य कलश यात्र

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गायत्री परिवार ने धर्मनगरी में निकाली भब्य कलश यात्र
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चित्रकूट‌ – धर्म नगरी चित्रकूट में विशाल कलश यात्रा के साथ बुधवार को चार दिवसीय विराट 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ हो गया है। जिसमें 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ ही विश्व कल्याण की कामना की जाएगी, 24000 वेदीय दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। भव्य कलश यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया है, सैकड़ों की संख्या में साधु संत अखाड़े के निशानों के साथ कलश यात्रा में शामिल हुए । इस दौरान धर्म नगरी में भक्तों का पीला सैलाब देखने को मिला , गायत्री परिवार के हजारों की तादाद में पहुंचे परिवार के लोग व स्थानीय लोगों ने भाग लिया और पीले वस्त्र पहनकर इस कलश यात्रा में शामिल हुए हैं।

विश्व कल्याण की कामना को लेकर आध्यात्मिक क्रांति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार को देश दुनिया में पहुंचाने के उद्देश्य से प्रभु श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में चार दिवसीय श्रद्धा संवर्धन विराट 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसका शुभारंभ विशाल मंगल कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा का प्रारंभ गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट व यज्ञ स्थल से गाजे बाजे के साथ हुआ । कलश यात्रा का पूजन प्रमिला पांडेय महापौर कानपुर, रंजना उपाध्याय पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा, ऊषा जैन सदगुरु नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट, संत मदन गोपाल दास प्रमुख द्वार, राम जी दास संतोषी अखाड़ा ,वरुण प्रपन्नाचार्य बड़ा मठ,महंत दिव्य जीवनदास, जिलाध्यक्ष भाजपा चित्रकूट महेंद्र कोटार्य, पंकज अग्रवाल कोऑपरेटिव अध्यक्ष, हेमराज सिंह चौबे राजा नयागांव, दिव्या तिपाठी राखी चौबे रंजना चौहान,अनूप तिवारी डॉक्टर अखंड प्रताप प्रांत सह बौद्धिक अनूप तिवारी बौद्धिक प्रमुख ,अतुल प्रताप सिंह जिला कार्यवाह ,संजय सिंह विभाग कार्यवाह बबेरू, अभय महाजन संगठन सचिव डी आर आई,पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्र ,पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, मुन्ना करवरिया,पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद, गायत्री परिवार के जोन समन्वयक मानसिंह वर्मा, रमाशंकर द्विवेदी ने किया। पूजन विधिवत मंत्रोच्चार के साथ किया गया। यज्ञशाला में पीले वस्त्र धारण किए हुए भाई-बहन एकत्रित हुए। बहने सर पर कलश रखकर कलश यात्रा में चल रही थी ।शोभा यात्रा में हाथी, घोड़े, विभिन्न झांकियां, विविध घोष आकर्षण का केंद्र बिंदु रहे। पूरी यात्रा में “आओ सुहागिन नारि कलश सर धारण करो” गीत की गूंज मन हो मोह रहा था। पूरे तीर्थ क्षेत्र में एक अलौकिक छटा बिखरी रही। कलश यात्रा में महिलाएं कलश धारण कर मंगल गीत गाते हुए आगे बढ़ रही थी। विभिन्न अखाड़ों के महंत ,साधु महात्माओं की टोली अपने निशानों के साथ कलश यात्रा में एक अलग ही छटा बिखेर रहे थे। चित्रकूट इंटर कॉलेज कर्वी के एन सीसी कैडेट्स अपने गुरुजनों ऋषि कुमार शुक्ला, सुनील कुमार, शंकर यादव, शक्ति सिंह के नेतृत्व में शानदार घोष का वादन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी प्रकार अन्य विद्यालयों के घोषदल कलशयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। विभिन्न झांकियां भारत माता, गायत्री माता, शंकर पार्वती, लक्ष्मीबाई, अवंती बाई, महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर आजाद , भगवान राम, कृष्ण राधा आदि की झांकियां विभिन्न वाहनों में चल रही थी। शंखध्वनि होती रही ।कलश यात्रा विभिन्न मार्गो गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट से चलकर सियाराम कुटीर, रघुवीर मंदिर, जानकी कुंड होते हुए कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद व प्रथम मुखारविंद से यज्ञ स्थल में पहुंची। मंगल कलश यात्रा का जगह-जगह पर फूल बरसाकर व जल पिलाकर स्वागत किया गया। तमाम भावनाशीलों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। यज्ञ शाला में शांतिकुंज टोली द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया, मंगल गीत गाए गए और तमाम विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किया। यज्ञशाला में प्रथम धर्म ध्वजा फहराई गई। गायत्री शक्तिपीठ के संचालक और इस विराट गायत्री यज्ञ के संयोजक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि समाज में सनातन धर्म की रक्षा के लिए पूरे देश व विश्व में यज्ञ के माध्यम से एकजुटता का संदेश देना है। यज्ञ के माध्यम से चित्रकूट पावन धरा से देशभर में आध्यात्मिक क्रांति पहुंचेगी। विशाल मंगल कलश यात्रा में कई हजार महिलाएं पुरुष उत्साह पूर्वक वातावरण में शामिल हुए । छ: किलोमीटर लंबी इस यात्रा में जन सैलाब देखने को मिला, उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड में चित्रकूट के समान कोई तीर्थ नहीं है यहां किया गया जप तप साधना अन्य जगहों से सैकड़ों गुना अधिक पुंडदाई है, इसीलिए ब्रह्मा जी ने सृष्टियज्ञ ,भगवान राम 11:30 वर्ष यहां तप किया। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने 24 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ चित्रकूट की प्राण प्रतिष्ठा जहां दिव्य प्रकाश आकाश से प्रकट हो मूर्ति में समाया। 1994 में विराट अश्वमेध महायज्ञ में 25 लाख लोगों ने 1551 कुंडीय यज्ञशाला में आहुतियां दी । पूज्य माताजी ने यहीं से महाप्राण की घोषणा किया । डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि परम मंदनीय माता भगवती देवी शर्मा जी वह अखंड दीप शताब्दी वर्ष 2026 के पूर्व यह एक 151 कुंडीय महायज्ञ यादगार रहेगा। उन्होंने आवाहन किया कि कलश यात्रा के साथ नारी शक्ति संवर्धन, समरसता के साथ वातावरण परिष्कार, सत प्रवृत्ति संवर्धन, दुषप्रवृत्ति उन्मूलन के साथ पावन यज्ञीय कार्यक्रम में आपका आमंत्रण है ।आए हुए जैन सैलाब का आभार व्यक्त करते हुए डा० रामनारायण त्रिपाठी ने कहा की इस चार दिवसीय कार्यक्रम में यज्ञ संस्कार आदि में आप अवश्य भाग लें और पूर्ण लाभ प्राप्त करें। कलश यात्रा में विभिन्न जनपदों से आए हुए हजारों गायत्री परिवार के सदस्य शामिल हुए।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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