December 13, 2025

राज्यपाल ने मझगवां के बांका में किया भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण

राज्यपाल ने मझगवां के बांका में किया भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण

सतना – मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा देशभक्ति की भावना के प्रखर पुंज थे। उन्होंने मात्र 25 वर्ष की अवस्था में जनजातीय समाज के उत्थान और कल्याण के कार्यों से महापुरुष बनकर अमर हो गए। राज्यपाल श्री पटेल मंगलवार को सतना जिले के मझगवां विकासखंड के दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम बांका में भगवान बिरसा मुंडा प्रतिमा अनावरण समारोह और जनजातीय विकास सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर केंद्रीय सरकार के जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, विधायक चित्रकूट सुरेंद्र सिंह गहरवार, रामपुर बघेलान विक्रम सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, डीआरआई के अध्यक्ष पुरणेंद सक्सेना, बिरसा मुंडा समिति की अध्यक्ष सोना बाई, संत मदनदास, कमिश्नर रीवा संभाग बीएस जामोद, आईजी गौरव राजपूत, कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह, डीएफओ मयंक चांदीवाल सहित बड़ी संख्या में जनजाति समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि जनजाति समाज के लिए हमारे बुजुर्गों ने जो समाज सुधार के कार्य किए हैं। उनसे प्रेरणा लेकर हम समाज को कैसे ऊंचाइयों पर ले जाएं इसका प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जनजाति कल्याण की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि जन मन योजना के तहत केंद्र सरकार ने 24 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इनमें 9 विभागों को जोड़कर जनजाति कल्याण और विकास के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना के तहत पूरे देश में 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह जनजाति क्षेत्रों में आदि कर्मयोगी योजना के माध्यम से भी जनजाति समुदाय के कल्याण के कार्य किये जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि जनजाति समुदाय में प्रचलित अनुवांशिक बीमारी सिकल सेल एनिमिया की जांच और उपचार के व्यापक प्रबंध राज्य में किए गए हैं। अब तक प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख व्यक्तियों की जांच की गई है और एक करोड़ डिजिटल कार्ड बांटे गए हैं।
जनजातीय कार्य विभाग केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उईके ने कहा कि पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। बिरसा मुंडा भारत के लिए स्वाभिमान, गौरव सांस्कृतिक एकता और स्वतंत्रता के प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज का चित्रण सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में भी किया गया है। अरण्य संस्कृति में भी चेतना परिष्कृत थी। भगवान राम के 14 वर्षीय वनवास काल में वनों और प्रांतर में रहने वाले जनजाति बंधुओं ने मदद की और धर्म की स्थापना में अपना योगदान दिया।
नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि धर्म बदलने से नहीं शिक्षा ग्रहण करने से जीवन और समाज बदलता है। उन्होंने कहा कि जनजाति मंत्रालय द्वारा स्थापित एकलव्य आवासीय विद्यालय गुरु और शिष्य की आदर्श परंपरा का अनुसरण कर रहे हैं। जिनमें जनजातीय वर्ग के छात्र आवासीय शिक्षा ग्रहण कर अपने जीवन के उच्चतम शिखर पर पहुंच सकते हैं। राज्य और केंद्र सरकार की जनजातीय कल्याण की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है।
दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण और जनजाति विकास सम्मेलन पूरी तरह से जनजाति समुदाय के सहयोग से आयोजित किया गया। विधायक चित्रकूट श्री सुरेंद्र सिंह गहरवार ने कहा कि जो व्यक्ति देश और समाज के लिए समर्पित भाव से जीता है। उसी को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इसके पहले राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम स्थल में पहुंचने पर वृक्षारोपण किया तथा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान राज्यपाल ने जनजाति नायक चित्र प्रदर्शनी और जनजातीय गौरव प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम के समापन उपरांत राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल सहभोज में शामिल हुए।

भारत विमर्श सतना मध्य प्रदेश

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