चित्रकूट एकलव्य विद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम आयोजित
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चित्रकूट – नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के जल, जंगल जमीन संबंधी अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पेसा कानून के माध्यम से जनजाति क्षेत्र की ग्राम सभाओं को सशक्त बनाया गया है। भगवान बिरसा मुंडा ने इन्हीं अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समुदाय को गौरव और सम्मान मिला है। धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती के अवसर पर 15 नवम्बर शनिवार को जनजातीय गौरव दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के मुख्यातिथ्य में चित्रकूट के एकलव्य आवासीय विद्यालय में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नगर परिषद चित्रकूट की अध्यक्ष साधना पटेल, कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह, सीईओ जिला पंचायत शैलेंद्र सिंह, सहायक कलेक्टर अनिकेत शांडिल्य, गायत्री शक्तिपीठ के डॉ. रामनारायण त्रिपाठी, जिला संयोजक डाॅ. अरूण शुक्ला सहित छात्र-छात्राएं और जनजातीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
राज्यमंत्री बागरी ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा ने स्वतंत्रता संघर्ष में अपने अदम्य साहस, नेतृत्व और जनकल्याण के संकल्प से एक अमिट छाप छोडी थी। उनका जीवन संदेश हमें समाज के अंतिम पंक्ति में खडे व्यक्ति तक विकास और न्याय पहुँचाने के लिए प्रेरित करता है। कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों, शिक्षकों एवं समाज बंधुओं के साथ संवाद कर उनकी प्रतिभा, जिज्ञासा और अपने समुदाय के प्रति समर्पण को देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। ऐसे विद्यालय वास्तव में भविष्य के राष्ट्र निर्माताओं को तैयार करने का पवित्र कार्य कर रहे हैं। राज्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुण्डा को शत-शत नमन तथा जनजाति गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज का सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ. सतीश कुमार एस ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं बल्कि एक महान समाज सुधारक धार्मिक नेता और आदिवासी अधिकारों के प्रतीक थे। जिन्होंने यह साबित कर दिखाया कि सच्ची आजादी केवल राजनैतिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण से भी आती है। कलेक्टर ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म जयंती मनाने के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय से बेहतर और कोई स्थान नहीं हो सकता था। उन्होंने बच्चों से कहा कि अपने जीवन में हिम्मत और मेहनत के दो मूल मंत्रों को हमेशा याद रखे। एकलव्य ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी और गुरू की प्रतिमा के सानिध्य में दिन-रात अभ्यास कर धनुर्विद्या में इतने निपुण होकर श्रेष्ठ धनुर्धर बनें। इस अवसर पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चित्रकूट की छात्राओं ने जनजातीय संस्कृति और गौरव पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने इस अवसर पर जनजातीय समुदाय के छात्र-छात्राओं द्वारा राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों के लिए गोल्ड मेडल और पुरूस्कार भी वितरित किये। इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी राज्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने किया।




जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश
