चित्रकूट में चल रहे विकास कार्यों में राय मशविरा न लिए जाने से साधू संतों ने प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
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चित्रकूट – गुरुवार को कामता नाथ मंदिर में साधू संतों द्वारा एक बृहद बैठक आयोजित कर प्रशासन के ऊपर साधू संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया गया।सभा में मौजूद लगभग डेढ़ से दो सैकड़ा साधू संत और मठ मंदिरों के महंतों सहित समाजसेवी और अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
चित्रकूट में सरकार द्वारा कराए जा रहे करोड़ों रुपए के विकास कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार करने के साथ साधू संतों से राय मशविरा न करने के कारण नाराज साधू संतों द्वारा गुरुवार को कामता नाथ मंदिर स्थित सत्संग भवन में बृहद बैठक आयोजित करते हुए आक्रोश जताया गया।बैठक में प्रमुख रुप से मौजूद संत सनकादिक जी महाराज,महंत राम हृदय दास जी महाराज,संत मदन गोपाल दास द्वारा कहा गया कि सरकार द्वारा बिना किसी ठोस प्लानिंग के चित्रकूट में विकास कार्य करने का तमाशा किया जा रहा है।और जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद करने का काम किया जा रहा है।इसके अलावा चित्रकूट में बनाई गई विकास योजनाओं से साधू संतों को दूर रखते हुए मनमानी की जा रही है।ऐसा लगता है कि जैसे सरकार और प्रशासनिक अधिकारी केवल अपने लिए काम कर रहे हैं।अगर ऐसा ही चलाता रहा तो आगामी समय में साधू संतों को विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा सकता है।और इस संबंध में संतों द्वारा अपनी मांगों से संबंधित मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार चित्रकूट को सौंपा गया है।




जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश
