Chitrakoot के समग्र विकास के कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में क्रियांवित हो-संजय शुक्ल
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सतना – राज्य शासन के अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय शुक्ल ने कहा कि चित्रकूट का समग्र विकास राज्य शासन की प्राथमिकता का विषय है। जन भावना के अनुरूप चित्रकूट का मूलस्वरूप और आध्यात्मिक वैभव को कायम रखते हुए समग्र विकास का प्लान सबके सहयोग से क्रियांवित किया जाये। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के समग्र विकास कार्यों एवं परियोजनाओं को समय-सीमा में और गुणवत्ता के साथ पूरे किये जायें। अपर मुख्य सचिव श्री शुक्ल गुरूवार को चित्रकूट में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सभागार में चित्रकूट के समग्र विकास के प्रगतिरत एवं प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में चित्रकूट विश्व विद्यालाय के कुलगुरू भरत मिश्रा, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, चित्रकूट विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं कलेक्टर सतना डॉ. सतीश कुमार एस, सीईओ एवं अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखडे, आयुक्त नगर निगम शेर सिंह मीना, आयुक्त नगर निगम रीवा सौरभ सोनवडे, एसडीएम एपी द्विवेदी, म.प्र. पर्यटन विकास निगम, इंटीग्रेटेड अर्वन डेवलपमेंट, एमपी यूडीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी तथा जिले के संबंधित विभागों के विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
चित्रकूट के समग्र विकास की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विकास परियोजना के कार्यों में जनसुविधा को विशेष ध्यान दिया जाये। चित्रकूट आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पीने के पानी और यूरी नल की सुविधा आवश्यकतानुसार सभी स्थानों पर की जाये। उन्होंने कहा कि चित्रकूट का मास्टर प्लान नेट पर उपलब्ध है। इसे कलर प्रिंट कराकर परियोजना वाले स्थलों को चिन्हांकन कर रखें। उन्होंने कहा कि कार्य स्थल के जमीन के आकार को गूगल मैप पर टैगिंग और मास्टर प्लान में चिन्हांकन भी किया जाये। अपर मुख्य सचिव ने चित्रकूट के समग्र विकास के प्रगतिरत एवं प्रस्तावित कार्यों की जानकारी लेकर समीक्षा की और उन्हें समय-सीमा में टाइमलाइन के अनुसार कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।
चित्रकूट के समग्र विकास की व्यवहार्यता और चिन्हित परियोजनायें की थीम पर तैयार की गई प्रस्तावित कार्य योजना की जानकारी में बताया गया कि चित्रकूट में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या के दृष्टिगत 10 स्थानों पर प्राथमिक परियोजनायें बनाई गई है। इनमें भरत घाट और राघव प्रयाग घाट, हनुमान धारा और सीता रसोई, मोहकम गढ किला, सती अनुसुईया मंदिर, गुप्त गोदावरी, मंदाकिनी, जानकीकुण्ड आरोग्य धाम, प्रमोदवन, कामदगिरि परिक्रमा, स्फटिकशिला, रजौला में आईएसवीटी और पैशुनी नदी पर बायोसेल स्थलों के लिए विकास की परियोजनायें तैयार की गई है। इन सभी परियोजनाओं का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी दिया गया। चित्रकूट विकास के प्रगतिरत कार्यों में बताया गया कि पर्यटन विकास निगम द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 27 करोड रूपये लागत का प्रोजेक्ट क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें भरत घाट और राघव घाट सहित मंदाकिनी के घाट पर चित्रकूट में आध्यात्मिक घाट अनुभव का प्रोजेक्ट क्रियान्वित किया जा रहा है।
इसी प्रकार श्रीरामचन्द्र वन गमन पथ प्रथम चरण के तहत कामदगिरि परिक्रमा चित्रकूट में पीली कोठी आश्रम से साक्षी गोपाल मंदिर तक परिक्रमा मार्ग के उन्नयन और जनसुविधा के कार्यों की 36 करोड 84 लाख रूपये की परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। श्रीराम वन, संस्कृति वन का निमार्ण आरक्षित वन क्षेत्र चित्रकूट के अंतर्गत 12 करोड 53 लाख रूपये की लागत से किया जा रहा है। यह योजना कैम्पा और विस्तार वानिकी एवं पीसीवी मद से 10 वर्षों के लिए वन विभाग को स्वीकृत है। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी तट पर घाट निर्माण और कटाव संरक्षण कार्य के लिए 24 करोड 62 लाख रूपये लागत की परियोजना जल संसाघन विभाग द्वारा क्रियांवित की जा रही है। चित्रकूट नगरीय क्षेत्र में 32 करोड रूपये की लागत से सीवर लाइन परियोजना के कार्य संचालित है। जिन्हें सितंबर 2025 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। चित्रकूट नगरीय क्षेत्र में विद्युत पोल एवं स्ट्रीट लाइट के लिए 3 करोड 96 लाख रूपये के कार्य चल रहे हैं। इसी प्रकार निकाय क्षेत्र में चित्रकूट के विभिन्न स्थानों पर भूमिगत विद्युतीकरण कार्य के लिए 10 करोड रूपये की योजना संचालित है। नगर पंचायत परिषद चित्रकूट के अंतर्गत किये जा रहे विकास कार्यों में चित्रकूट के मुख्य मार्ग मोहकमगढ तिराहे से पीली कोठी तक 6.44 किमी के सडक मार्ग को 42 करोड 5 लाख रूपये की लागत से टू लेन किया जा रहा है। चित्रकूट घाट विस्तार का समग्र विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत 81 करोड 60 लाख रूपये का मास्टर प्लान प्रस्तावित किया गया है। उप वन मण्डालाधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा सती अनुसुइया में नगर वन बनाने के लिए 1 करोड 72 लाख रूपये का प्रस्ताव तथा कामदगिरि पर्वत को संरक्षित करने के लिए 50 लाख रूपये लागत का फैन्सिंग कार्य का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मंदाकिनी को सदा नीरा बनाये रखने के लिए उससे जुडे जल स्त्रोत और नालों को भी पुर्नजीवित करने की योजना तैयार की गई है। चित्रकूट विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. भरत मिश्रा ने कहा कि चित्रकूट में भारतीय संस्कृति संग्रहालय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव हो तो विश्वविद्यालय अपनी जमीन इसके लिए दे सकता है। डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन ने चित्रकूट के समग्र विकास के संबंध में अपने सुझाव दिये। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि चित्रकूट के विकास की भावना से जुडे हुए विशेषज्ञ और दक्ष व्यक्तियों को भी समग्र विकास से जोंडे और उनका सहयोग ले। उन्होंने कहा कि मंदाकिनी नदी की धारा को अभिरल बनाये रखने नेचुरल सोर्स और आसपास के जंगल को भी सुरक्षित रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो भी वृक्ष लगाये वे जलवायु के अनुरूप हो तथा उन्हें संरक्षित रखने के प्रयास किये जाये। अध्यक्ष चित्रकूट विकास प्राधिकरण एवं कलेक्टर सतना डॉ. सतीश कुमार एस ने कहा कि चित्रकूट के विकास कार्यों को जनभावनाओं के अनुरूप और चित्रकूट का आध्यात्मिक वैभव तथा मूलस्वरूप कायम रखते हुए सभी के सहयोग से कार्य किये जायेंगे।

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