ग्रामोदय कर्मचारी संघ द्वारा पत्र के माध्यम से कलेक्टर को समस्याओं से कराया अवगत
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चित्रकूट – महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्विद्यालय के कर्मचारी संघ ने सतना कलेक्टर को समस्याओं को लेकर पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया, पत्र में कहा गया है कि हमारे द्वारा डाक एवं मेल से प्रेषित उपरोक्त सन्दर्भित पत्रों का संज्ञान लेंवे। ज्ञात हो कि भारत रत्न राष्ट्रऋषि श्रद्धेय नानाजी देशमुख द्वारा चित्रकूट में प्रथम पुष्प के रूप में सिंचित महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कर्मचारी आज उपेक्षा एवं शोषण के शिकार है। जहां विश्वविद्यालय के समस्त कर्मचारी आज पेंशन जैसी मूलभूत आवश्यकता से वंचित हैं, वही दूसरी ओर वे विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भविष्यनिधि की जमा पूंजी के अनुचित रखरखाव के कारण उस पर मिलने वाले ब्याज दर में हो रही धोखाधड़ी को लेकर परेशान है। विश्वविद्यालय कर्मियों को कई माह से नियमित रूप से वेतन भी नही मिल पा रहा है। साथ ही कर्मचारियों की मांगो के सम्बन्ध प्रभारी कुलसचिव के आमन्त्रण पर दिनांक 21 फरवरी 2025 को कुलगुरू से हुयी कर्मचारियों की वाती उपरांत प्रभारी कुलसचिव द्वारा जारी कार्यवृत्त (संलग्न) अनुसार मांगो को पूर्ण किये जाने के लिए दिये गये 15 कार्य-दिवस के समय समाप्त हो जाने के बाद पुनः दिनांक 11मार्च 2025 को कर्मचारियों से कुलगुरू की वार्ता के अनुसार पी.एफ. संधारण एवं वेतन की अनिश्चितता साथ ही पेंशन के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अद्यतन कृत कार्यवाही सम्बन्धी कोई दस्तावेज कार्यवृत्त के साथ उपलब्ध नहीं कराया है। अतः यह निर्णय लिया गया है कि कर्मचारी अपने आंदोलन को तब तक निरंतर जारी रखेगें जब तक मांगों के सम्बन्ध में प्रत्यक्ष प्रतिफल प्राप्त नहीं हो जाता है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मात्र कागजी आश्वासन पर कर्मचारी अपना कदम वापस नहीं ले सकते हैं। 2018 में भी कर्मियों ने इन्ही सब मांगों को लेकर आंदोलन किया था किन्तु लिखित समझौते के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन अपने लिखित करार से मुकर गया और हमारी समस्याएँ आज भी जस की तस है। बारम्बार अनुरोध के बावजूद भी समस्याओं का कोई सार्थक निराकरण न होने के कारण विश्वविद्यालय कर्मियों द्वारा शासन-प्रशासन को सूचित करते हुए पुनः दिनांक 04 फरवरी, 2025 से 19 फरवरी, 2025 तक विश्वविद्यालय परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया गया लेकिन फिर हमें अनसुना करने पर दिनांक 20 फरवरी 2025 से कर्मचारियों को कमिक भूख हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ा। अब जबकि कर्मचारी आंदोलनरत है तो एक मुखिया और अभिभावक की तरह व्यवहार न करते हुए हुए विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाहीपूर्वक कर्मचारियों के आंदोलन को षड्यन्त्रपूर्वक तोड़ने का प्रयास कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की उपर्युक्त षड्यन्त्रपूर्वक गतिविधियों तथा शोषण से आहत होकर यदि कर्मचारियों को शांन्ति का मार्ग छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा अथवा विश्वविद्यालय प्रशासन के शोषण से तंग आकर किसी के द्वारा कोई अनुचित कदम दुर्घटना हो गयी तो इसके लिए मा. कुलगुरू एवं प्रभारी कुलसचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगी।
जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 25.फरवरी 2025 को विश्वविद्यालय पसिर में अनशन स्थल पर भेजे गये एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार एवं थाना प्रभारी मौजूद थे, किन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई भी उपस्थित नही हुआ। साथ ही अनुरोध किया है कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शोषित, वंचित कर्मचारियों की पीड़ा,समस्याओं का निराकरण करने की बात कही गई है।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश