प्रयागराज महाकुंभ की तर्ज पर चित्रकूट में महाशिवरात्रि पर्व पर साधू संतों ने किया शाही स्थान
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चित्रकूट – प्रयागराज महाकुंभ की तर्ज पर महाशिवरात्रि पर्व के दिन चित्रकूट के साधू संतों द्वारा चित्रकूट की पवित्र नदी मंदाकिनी के रामघाट पर शाही स्थान किया गया।चित्रकूट के विरक्त संत मंडल के आह्वान पर शाही स्थान के पूर्व चित्रकूट स्थित ग्रामोदय विश्वविद्यालय से लेकर रामघाट तक हाथी, घोड़े और बैंड बाजे के साथ विशाल शोभा यात्रा निकाली गई।महाशिवरात्रि पर्व पर शाही स्थान हेतु साधू संतों द्वारा निकाली गई विशाल शोभा यात्रा का स्थानीय लोगों द्वारा जगह जगह स्वागत किया गया। तो वहीं हेमराज चौबे नन्हे राजा ने साधू संतों को फूल वर्षा एवं मिठाई भेंट कर स्वागत किया। चित्रकूट में प्रयागराज महाकुंभ की तरह साधू संतों द्वारा शाही स्थान की नहीं परंपरा शुरु किए जाने को लेकर पूछे जाने पर संत मदन गोपाल दास द्वारा कहा गया कि महाकुंभ में ही यह चर्चा का विषय बना हुआ था कि सारे तीर्थ महाकुंभ के समय स्नान करने के लिए प्रयागराज जाते हैं,लेकिन चित्रकूट कभी प्रयागराज नहीं जाते हैं।तब हम लोगों के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि हम लोग चित्रकूट में ही शाही स्थान का बृहद आयोजन कर सारे विश्व को संदेश दे।साथ ही हम लोग यह भी देख रहे हैं कि देश के छत्तीसगढ़ में राजिम की तरह कई जगह लोग कुंभ की तरह आयोजन करने लगे हैं,कुंभ संतों की ही बनाई हुई परंपरा है,चित्रकूट में भी प्रयागराज की तरह तीन नदियों मंदाकिनी, पैस्वानी और सरयू का संगम है इसलिए इस प्रकार का आयोजन किया गया है।नई परंपरा बाबत पूछे जाने पर संत सनकादिक जी महाराज ने कहा कि चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में शाही स्थान विधर्मियों को चुनौती देने की गुरुआत है। जब तक देश में एक भी विधर्मी रहेगा,उन्हें मंदाकिनी नदी में डुबा डुबा कर दंड दिया जाएगा।


जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश