असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पंजीकरण को रद्द करने की मांग
1 min readनई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पंजीकरण को रद्द करने की मांग की गई. याचिका में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का धारा 123 किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को धार्मिक अपील करके वोट मांगने पर रोक लगाता है. याचिकाकर्ता ने कहा की ये पार्टी मुख्य रूप से मुस्लिम मुद्दों से संबंधित ही कार्य करती है.
तेलंगाना में शिवसेना के अध्यक्ष तिरुपति नरसिम्हा मुरारी ने याचिका दायर की है, जिन्होंने दावा किया कि एआईएमआईएम का कार्य पूरी तरह से कानून के खिलाफ है. उन्होंने आगे कहा कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को राजनीतिक दल के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि यह देश में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पर सीधे हमला करता है.
शिवसेना के राज्य अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका में लिखा गया है, “यदि एआईएमआईएम की नींव सांप्रदायिक है, तो यह धर्मनिरपेक्ष नहीं रह सकती है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का उल्लंघन करने के लिए बाध्य है।”
19 जून, 2014 को, भारत के निर्वाचन आयोग ने एआईएमआईएम को तेलंगाना की एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता दी हैं. याचिका वकील हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर की गई है, तिरुपति नरसिम्हा मुरारी कहा है कि ये याचिका उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता पर दायर किया है, इससे शिवसेना का कुछ लेना देना नहीं है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन या एआईएमआईएम की स्थापना 19 27 में ब्रिटिश भारत के हैदराबाद राज्य में हुई थी. एआईएमआईएम ने 1984 से हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा सीट जीती है. 2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनावों में, एआईएमआईएम ने सात सीटों पर जीत हासिल की और भारत के चुनाव आयोग द्वारा ‘राज्य पार्टी’ के रूप में मान्यता प्राप्त की. इस पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैं.