What’s app पर साइबर ठग ने पुलिस की वर्दी पहने डीपी लगाकर किराना व्यापारी से 26 हजार रुपए उड़ाए
1 min readसिकरारा – इन दिनों साइबर ठगों की पौ बारह दिखाई दे रही है । डिजिटल अरेस्ट की जद में आकर अच्छे खासे पढ़े लिखे डॉक्टर,इंजीनियर,प्रशासनिक अधिकार तक करोड़ो रूपये दे चुके हैं। ताजा मामला क्षेत्र के शेरवा(प्रेमराजपुर) का हैं जहाँ के एक किराना व्यवसायी को साइबर ठगों ने निशाना बनाया औऱ उन्हें 26 हजार का चूना लगा दिया।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त बाजार के व्यवसायी जनार्दन कुमार का इकलौता बेटा अपने चाचा के साथ लखनऊ में इलेक्ट्रॉनिक दूकान चलता है जहां लैपटॉप मोबाइल फोन आदि की बिक्री व मरम्मत होती है। जनार्दन के पास विगत रविवार की शाम को लगभग 7 बजे मोबाइल नम्बर923269454719 से ह्वाट्सएप काल आई और उसने जो बताया उससे उनके होश उड़ गए। जनार्दन ने बताया कि उधर से फोन करने वाला परितोष कुमार खुद को डीआईजी क्राइम।बताते हुए कहा कि उनका बेटा लखनऊ में रहता है जवाब हां में मिलने पर उसका काम काज पूछ कर कहा कि आज शाम को वह एक रेस्तरां में खाना खाने गया था। जिस टेबल पर वह बैठा था उसपर तीन युवक और बैठकर खाना लाने वाले वेटर का इंतजार कर रहे थे।इसी बीच मुखबिर की सूचना पर मेरे विभाग के लोग वहां छापा डाले जिसमे तुम्हारे बेटे सहित चारों को हिरासत में ले लिया गया है। उसने बताया कि वे तीनों मर्डर करके फरार थे।उनमें से एक युवक की उनके बेटे से टेलीफोनिक वार्ता हुई है।इस लिए वह भी केस में फंस चुका है। अगर वह 50 हजार रुपये यूबीआई के खाता संख्या 167212010002000 आईएफसी कोड UBINo816728 के जरिये 50 हजार रुपये तत्काल पेड कर देते हो तब वह उसको केस से बाहर करवा देगा अन्यथा वह एक घण्टे बाद जेल भेज दिया जाएगा। उसने उनसे डांटते हुआ हिदायत दिया कि किसी से चर्चा करने की भूल मत करना वरना परिणाम समझ सकते हो।यह भी कहा कि फोन काटना मत।अपने शर्ट के सामने वाली जेब मे चालू हाल में रखना जिससे वह अगर किसी से कुछ बात करो तो वह सुनता रहे।बीच मे उसने एक युवक से बात कराई जिसकी आवाज हूं ब हूं उनके बेटे से मिलती है। फोन पर वह उनसे कह रहा था पापा उसे बचा लीजिए वह बहुत बुरी तरह फंस चुका है। इस तरह उनका उस फर्जी डीआईजी की बातों पर और भी विश्वास हो गया। वह इतने डर गए थे कि वह किसी हितैषी से उनके साथ घटित हो रही चीजें शेयर करने की हिम्मत न जुटा सके।उन्होंने बताया कि उनके पास खाते में बहुत कम पैसे थे।दो एक मित्रों से इमरजेंसी कह सुन किसी तरह 26 हजार उसके बताए नम्बर पर भेजे। अनुनय विनय कर अपने बेटे की सलामती की बात की। उसने कहा अभी उनका बेटा मेरे निजी कस्टडमी में रहेगा सोमवार को 10 बजे फोन करेगा शेष पैसे की व्यवस्था किये रहना। मजे की बात यह कि वह ठीक 10 बजे फिर फोन किया तो इन्होंने उसे डाट पिलाई क्योंकि तब तक उन्हें पता हो चुका था कि उनके साथ साइबर ठगी हो चुकी है। यह पूछने पर कि उन्होंने घटना के बाद कहीं पुलिस को सूचना दिया ,उनका जवाब था अकेला आदमी हूँ भाग दौड़ करने में असमर्थ हूँ। इससे पहले भी इसी गांव के ठेकेदार पंकज सिंह के पास भी इसी तरह की काल आई थी कि उनका बेटे लड़की के साथ होटल में पकड़ा गया है लेकिन उन्होंने दिमाग लगाकर अपने बेटे से दिल्ली बात कर लिया और जब फिर उस ठग ने फोन कर डांटना शुरू किया कि फोन क्यों काट दिया तो इन्होंने जबरदस्त ढंग से मां बहन की सुनना शुरू कर दिया परिणाम स्वरूप वह फोन बंद कर लिया। श्री सिंह ने बताया कि यदि उस समय वह भी घबरा गए होते तो वह भी उज़के जाल में फंस जाते। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से उसके नम्बर शेयर कर उनसे सचेत रहने की अपील भी किया था।
अमरजीत सिटी रिपोर्टर भारत विमर्श जौनपुर उत्तर प्रदेश