September 19, 2024

प्रताड़ना के संस्मरणों को सुनकर विद्यार्थियों के आंखों में आ गए आंसू

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चित्रकूट – आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस में प्रताड़ना के संस्मरणों साथ को सुनकर महर्षि वाल्मीकि सभागार में बैठे विद्यार्थियों की आंखों में आंसू आ गए। शासन के निर्देश पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में ग्रामोदय विश्वविद्यालय में पदस्थ वरिष्ठ सहायक अभियंता एवं प्रभारी यांत्रिक इकाई इंजीनियर चंद्रप्रकाश बस्तानी ने बतौर मुख्य वक्ता विभाजन विभीषिका के दौरान हुई प्रताड़ना के संस्मरण प्रस्तुत किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रोफेसर भरत मिश्रा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रबंधन संकाय के अधिष्ठाता प्रो अमरजीत सिंह, पर्यावरण एवं विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो आईपी त्रिपाठी, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ आञ्जनेय पांडेय ,कुलसचिव प्रो आर सी त्रिपाठी मौजूद रहे
इस अवसर पर मुख्य वक्ता इजी सी पी बस्तानी ने बताया कि उनका कुटुंब विभाजन पूर्व सिंध प्रांत के शहजादपुर, कराची में रहता था। देश के विभाजन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों के चलते उनके कुटुंब और समुदाय के लोगों को उनके पैतृक क्षेत्र से जबरन बाहर कर दिया गया। यहां तक कि उनकी सारी चल अचल संपत्ति भी ले ली गई। मानवीय प्रताड़ना का वीभत्स जिक्र करते हुए इंजी बस्तानी ने भावुकता भरे शब्दों में बताया कि सिंध प्रांत से बाहर किए गए लगभग हर परिवार को प्रताड़ना दी गई। सिंधी समुदाय की संस्कृति, सभ्यता पर भारी चोट पहुंचाई गई। प्रताड़ना के इस दौर को क्रमशः प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से प्रताड़ित लोगों से भर चली ट्रेन के यात्रियों को भारत की सीमा में प्रवेश करने के बाद ही राहत मिली। उनके कुटुंब, रिश्तेदारों आदि के समूह झांसी के निकट दतिया स्टेशन में उतारा गया। इसके बाद से वे इसी स्थान के हो गए। तत्पश्चात खान पान, पढ़ने पढ़ाने, व्यापार, रोजगार, नौकरी के अवसर मिले।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र है। इसका गौरवशाली इतिहास रहा है। इसकी सीमाएं और सभ्यता से पूरी दुनिया परिचित हैं।राजनीतिक कारणों से हुए वर्ष 1947 में हुए इसके विभाजन की वजह से लोगों को परेशानी हुई। बावजूद इसके भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्म के लोग रहते हैं, सभी को शरण मिलती हैं और सभी सुरक्षित हैं। बगैर किसी भेदभाव के सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने सिंधी समुदाय को उनके पैतृक क्षेत्र से बाहर करने और भारत मे प्रवेश कर स्थायित्व प्राप्त करने के संस्मरणों को सुनकर काफी भावुक दिखें। उन्होंने कहा कि सिंधी समुदाय ने अपने पौरुष के बल पर अपने को पुनः स्थापित कर लिया है। प्रो मिश्रा ने कार्यक्रम का संयोजन कर रहे हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ ललित कुमार सिंह ने कार्यक्रम के औचित्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ उमेश कुमार शुक्ला ने और आभार प्रदर्शन डॉ सीता शरण गौतम ने किया।

विभाजन विभीषिका स्मृति पर लगी प्रदर्शनी

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में वैदेही छात्रावास के भूतंल मे ललित कला विभाग की ओर से विभाजन विभीषिका को प्रदर्शित करने वाले चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उदघाटन कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने किया। इस अवसर पर शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद रहे।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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