Film the diary of west bengal का जगद्गुरू राम भद्राचार्य महाराज द्वारा किया गया ट्रेलर लॉन्च
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चित्रकूट – चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ में पद्म विभूषण जगद्गुरु श्री राम भद्राचार्य जी महाराज द्वारा निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिजवी) और निर्देशक सनोज मिश्रा द्वारा निर्देशित चर्चित फिल्म दि डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का रविवार 11 अगस्त तुलसी जयंती को ट्रेलर लॉन्च किया गया।इस दौरान फिल्म के कलाकार अर्शिन मेहता,यजुर मारवाह सहित फिल्म निर्माण यूनिट से जुड़े लोग और बड़ी संख्या में साधू संत,आम जनमानस उपस्थित रहा।फिल्म ट्रेलर लॉन्च के दौरान जगद्गुरु श्री राम भद्राचार्य जी महाराज द्वारा फिल्म के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिजवी) का नाम करण करते हुए स्वामी जितेंद्र त्यागी कहकर संबोधित किया गया।
चर्चित फिल्म दि डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्माता स्वामी जितेंद्र त्यागी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि फिल्म डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल एक सच्ची घटना के ऊपर आधारित फिल्म है।फिल्म में लव जेहाद है,रोहिंग्या हैं,पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार द्वारा रोहिंज्ञाओं को क्या सहूलियतें दी जा रही है,कैसे सरकार द्वारा रोहिंज्ञाओ को संरक्षण दिया जा रहा है,कैसे उनकी फर्जी आई डी बन रही हैं,शाहजहां शेख का पश्चिम बंगाल की सरकार में क्या किरदार था।किस तरह से वहां महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है,ऐसे तमाम मुद्दों को कलेक्ट करके सच्ची कहानी पर आधारित इस फिल्म को बनाया गया है।सनोज मिश्रा फिल्म के लेखक और निर्देशक हैं।जिस प्रकार से सनोज मिश्रा द्वारा फिल्म का लेखन किया गया है,वो भी बड़ी हिम्मत की बात है।फिल्म के कलाकारों अर्शीन मेहता, यजुर मारवाह सहित अन्य बाकी कलाकारों द्वारा फिल्म में बेहतरीन अभिनय निभाया गया है।फिल्म में निभाए गए कुछ सीनों में कलाकारों के भी आंसू निकल आए।स्वामी जितेंद्र त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा कि पूरे देश को इस फिल्म को देखना चाहिए,मनोरंजन के लिए तो आप लोग तमाम बड़े बड़े बजट की फिल्मे देखते हैं।हमने असलियत दिखाने के लिए,सच्ची घटनाओं को उजागर करने के लिए और सनातन धर्म पर हो रहे अत्याचारों को दिखाने के लिए यह फिल्म बनाई है। हम यह चाहते हैं कि बगैर किसी धार्मिक भेदभाव के इस फिल्म को हिंदू और मुसलमान दोनों देखे।आखिरकार क्यों मुसलमान बदनाम हो रहा है,उनके धर्म से ताल्लुक रखने वाले कुछ ही लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, और पूरा मुस्लिम समुदाय बदनाम होता है।मुसलमानो को इस फिल्म को देखकर सीख लेना चाहिए और समझना चाहिए।स्वामी जितेंद्र त्यागी द्वारा बताया गया कि हमारी फिल्म बांग्लादेश की एक सच्ची घटना से शुरु होती है। बांग्लादेश में एक अक्टूबर 2001 में अनिल चंद्र की एक 14 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था।मासूम बच्ची की मां के द्वारा अपनी बच्ची की जान बचाने के लिए सामूहिक बलात्कार के मुख्य दरिंदे अब्दुल अली से कहा गया था कि अब्दुल अली एक – एक करके करो,वरना हमारी बच्ची मर जाएगी।ये फिल्म हमारी उसी कहानी से शुरु होती है।उसके बाद वो पश्चिम बंगाल आ जाती है।फिल्म में रोहिंज्ञाओं का पार्ट है,रोहिंग्या कैसे सुंदरवन सहित अन्य रास्तों से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करते हैं,कैसे वहां की सरकार द्वारा रोहिंज्ञाओं को सहूलियतें दी जाती हैं।रोहिंग्या मुसलमान आज पूरे देश के लिए खतरा है।स्वामी जितेंद्र त्यागी द्वारा बताया गया कि फिल्म निर्माण के दौरान पश्चिम बंगाल द्वारा हमें धमकी भी दी गई,मेरे और निर्देशक सनोज मिश्रा के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई।बावजूद इसके हम लोगों के द्वारा पश्चिम बंगाल में घुस कर फिल्म का निर्माण किया गया।जगद्गुरु श्री राम भद्राचार्य जी महाराज द्वारा कहा गया कि तुलसी जयंती के अवसर पर मैं समस्त हिन्दू समाज से यही कहना चाहता हूं कि समस्त हिन्दू समाज एक होकर सनातन धर्म और हिंदुत्व की रक्षा करे। दी डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल फिल्म के बारे में जगद्गुरु श्री राम भद्राचार्य जी महाराज से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू एक हो जाए।यही इस फिल्म का मकसद है।हिंदू समाज और संस्कृति के खिलाफ काम करने वालों को दंडित करने का काम भी किया जाएगा।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश