चुल्लू भर पानी में डूब मरो वैसे तो यह एक मुहावरा है
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चित्रकूट – चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाओ वैसे तो यह एक मुहावरा है लेकिन चित्रकूट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के समय सड़क निर्माण करवाने वाले अधिकारियों के ऊपर बाखूबी लागू होता है।क्योंकि अगर पांच – छः महीने पूर्व प्रधानमंत्री की आई हुई जगह का यह हाल है तो निश्चित रूप से उन अधिकारियों को चुल्लू भर पानी मे डूब कर मर जाना चाहिए।जिनके द्वारा प्रधानमंत्री के आगमन के समय बामुस्किल से एक किलो मीटर के आसपास सड़क बनवाई गई थी।यह नज़ारा चित्रकूट के रघुवीर मंदिर के पास चित्रकूट सतना राजमार्ग का है, जहां अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी आये थे, इतना ही नही बेकार और बदहाल पड़ी इस सड़क को बनाने में अधिकारियों द्वारा रात दिन एक कर दिया गया था।इसी रास्ते से प्रधानमंत्री जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज और सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यक्रमो में शामिल होने के लिए आए गए थे।अब सवाल यह है की प्रधानमंत्री के लिए सड़क बनाने की जरूरत ही क्या थी। उनके पास इतनी अच्छी गाड़ियां हैं कि उन्हें तो झटके ही नही लगते।झटके तो अब गरीबों को लग रहे हैं।साथ ही अधिकारियों के आकंठ भ्रष्टाचार की कहानी भी बयां कर रही है।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश