चित्रकूट में दिखे बिलुप्त हो चुके पांच प्रजाति के गिद्ध
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चित्रकूट – प्रदेश में लगातार घटते गिद्धों को बचाने के लिए वन विभाग द्वारा तमाम तरह की कोशिश और प्रयाश किये जाने के बाद अब मध्यप्रदेश में गिद्धों की संख्या में इजाफा नजर आने लगा है। वन विभाग द्वारा चलाई जा रही प्रदेशव्यापी तीन दिवसीय गिद्ध गणना के तहत चित्रकूट वन परिक्षेत्र में की गई गणना में 858 विलुप्त प्रजाति की काला गिद्ध, सफेद गिद्ध, हिमालयन गिद्ध, यूरेशियन गिद्ध, भारतीय देशी गिद्ध नजर आई है।
चित्रकूट वन परिक्षेत्र में जारी तीन दिवसीय गिद्ध गणना में आठ चयनित स्थल पर गिद्ध गणना हेतु चित्रकूट रेंजर द्वारा 8 टीमों का गठन किया गया था, जिसमें पूरे चित्रकूट वन परिक्षेत्र अंतर्गत गिद्ध गणना की गई है। तीन दिवसीय गिद्ध गणना में वन विभाग को लगभग 858 गिद्ध मिली, जिनमें से कुछ ऐसी भी हैं जिनकी प्रजाति बिल्कुल विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई थी। चित्रकूट वन परिक्षेत्राशिकारी विवेक सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि चित्रकूट में आठ जगह निर्धारित की गई है जो गिद्धों के रहने के हिसाब से अनुकूल है, उनमें सती अनुसुइया के ऊपर चोटी में स्थित चंद्र लोक में सबसे विलुप्त प्रजाति की काला गिद्ध की प्रजातियां मिली है जिनमें करीब 58 अवयस्क तथा 200 से ऊपर वयस्क गिद्ध नजर आई है,साथ ही उन्होंने बताया कि विटनरी द्वारा लिखी जाने वाली डाइक्लोफेनेक गिद्धों के लिए सबसे खतरनाक दवा है।इसके अलावा विटनरी की कुछ और दवाएं भी नुकसानदेह है जिनपर बैन लगाया गया है बैन लगाने के बाद अब चित्रकूट समेत पूरे प्रदेश में गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।


जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश