रानी दुर्गावती के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता – कुलपति प्रो. भरत मिश्रा
1 min readचित्रकूट – रानी दुर्गावती पंचशती समारोह की पूर्व संध्या पर आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सीएमसी एलसीडीपी सभागार में शोध एवम बलिदान की परंपरा की संवाहक: महारानी दुर्गावती विषय को लेकर रानी दुर्गावती शोध संस्थान जबलपुर, दीन दयाल शोध संस्थान चित्रकूट और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई। गोष्ठी में पूर्वोत्तर भारत के 15 राज्यो के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। विद्याभारती के अखिल भारतीय महामंत्री डॉ अवनीश भटनागर मुख्य अतिथि और पूर्वोत्तर शैक्षणिक यात्रा के संयोजक और अरूणाचल प्रांत के मुख्यमंत्री के सलाहकार आ ताई तारक, रानी दुर्गावती शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ पावन स्थापक, विद्या भारती के पूर्वोत्तर छेत्र मंत्री डॉ पवन तिवारी , रानी दुर्गावती शोध संस्थान के सचिव डॉ अतुल दुबे विशिष्ट अतिथि रहे। अध्यक्षता कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने किया। संगोष्ठी का संयोजन अधिष्ठाता प्रो आई पी त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर रानी दुर्गावती के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विद्वान विषय विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि डॉ अवनीश भटनागर ने कहा कि इतिहासकारों ने हमारे पूर्वजों के बलिदान का उल्लेख न करके अनर्थ किया है। रानी दुर्गावती जैसी बलिदानी नारियों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पंचशती समारोह के माध्यम से हमारे पूर्वजों के बलिदान और योगदान से पूरा देश परिचित हो सकेगा। डॉ पवन तिवारी ने रानी दुर्गावती के शौर्य और बलिदान की विस्तृत चर्चा की। आ ताई तारक ने पूर्वोत्तर राज्यों के राष्ट्रीय योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि हमें हिंदुस्तानी होने पर गर्व है। उन्होने नमस्ते शब्द से पूर्वोत्तर राज्यों के नाम को जोड़ते हुए भारत माता के नारा बुलंद किया। रानी दुर्गावती शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ पवन स्थानक ने रानी दुर्गावती शोध संस्थान के कार्यों पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि रानी दुर्गावती के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। आभार डॉ अतुल दुबे ने प्रकट किया।संचालन डॉ नीलम चौरे ने किया।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश