आंगनवाड़ी केंद्रों की मनमानी सुपरवाइजर और परियोजना अधिकारी देते हैं छूट और कहती है कि पत्रकार घूम रहा है
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सतना – शहर की परियोजना क्रमांक 1 की ज्यादातर आंगनवाड़ी है खुलती ही नहीं और जो खुलती भी हैं तो समय से नहीं खुलती है शासन की जो भी योजना है आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए आती हैं उन सभी योजनाओं को आंगनवाड़ी केंद्र से जुड़े सभी अधिकारी कर्मचारी अपनी मनमर्जी के चलते बच्चो और महिलाओं तक नहीं पहुंचने नही देते और शासन की योजनाओं को पलीता लगाते है वही परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर इन आंगनवाड़ी केंद्रों के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं करते है और ऊपर से सुपरवाइजर आंगनबाड़ी केंद्रों का पक्ष लेती हैं और कार्यकर्ताओं को मैसेज करके कहती है कि अपना आंगनवाड़ी केंद्र खोल लो पत्रकार घूम रहा है।
वही आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 7 और 8 जो कभी खुलता ही नहीं है और जो बच्चों के लिए वहां खाना आता है वह किसी और के घर पहुंचा दिया जाता है वहां के लोगों को कहना है कि यह केंद्र महीने में एक या दो बार ही खुलता है उसके अलावा यहां हमेशा ताला लटका ही मिलता है जब इस आंगनवाड़ी केंद्र के बारे में परियोजना अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि देखते हैं और सुपरवाइजर ने कहा कि ऑफिस आइए वही बात करते है अब इन केंद्रों के कार्यकर्ता और सहायिका के ऊपर क्या कार्रवाई होती है यह तो देखने की बात होगी।
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अहेश लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना मध्य प्रदेश