म.प्र. के स्कूली पाठ्यक्रम में वीर सावरकर को शामिल करने का लिया फैसला
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भोपाल- मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर वीर सावरकर ने एंट्री कर ली है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार स्कूली पाठ्यक्रम में वीर सावरकर को शामिल करने का फैसला किया जिसके बाद तो विपक्षी खेमे में खलबली मच गई।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि वीर सावरकर हमारे उन महान क्रांतिकारियों में से है, जिन्हें एक जन्म में दो-दो आजीवन कारावास की सजा हुई है। वीर सावरकर ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने 1857 के आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम कहा। नहीं तो इससे पहले 1857 के आंदोलन को गदर ही लिखा जाता था। दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकारों ने भारत के महान क्रांतिकारियों को इतिहास में जगह नहीं दी। विदेशी आक्रांताओं को महान लिखा गया। जबकि जो असल में देशभक्त है उन्हें महान नहीं बताया गया।
इस बयान के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वीर सावरकर को किस हैसियत से शामिल करना चाहते हैं? यह बड़ा सवाल है और अफसोसजनक भी है। सावरकर के माफी मांगने के कई पत्र हमने पढ़े हैं, जो सोशल मीडिया पर आ चुके है। ऐसे व्यक्ति को क्रांतिकारी बताकर सिलेबस में जोड़ना शर्मनाक है और यह तो फ्रीडम फाइटर की तौहीन है। हम देश को चाहने वाले लोग हैं। वह भाजपा के मार्गदर्शक है, यह बात ही शर्मनाक है। हम तो इसका विरोध करेंगे। देश के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए न कि माफी मांगने वाले का।
भारत विमर्श भोपाल म.प्र.