May 8, 2024

कृष्ण लीला सुना कर भागवत श्रोता हुए भाव विभोर

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चित्रकूट उ०प्र०- चित्रकूट शहर मुख्याल से सटे चकमली अमानपुर में सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य अंबिका प्रसाद पाण्डेय श्री सुभाष इंटर कॉलेज इटवा चित्रकूट के यहां चल रही श्रीमद भागवत महापुराण कथा में आज भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का बहुत ही सुंदर वर्णन श्री धाम वृदावन से आए ब्यास पंडित मुकेश कृष्ण जी महाराज द्वारा किया गया।उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था में नंद बाबा और यशोदा को पुत्र की प्राप्ति हुई ओ दोनो कन्हैया का बहुत ध्यान रखते थे जैसे जैसे कन्हैया बड़े होने लगे ओ लोगो को अपनी बाल लीलाओं का दर्शन कराने लगे।कन्हैया अपने सखा ग्वाल बालों के साथ गोपियों के यहां माखन चोरी करने लगे कभी इस गोपी के यहां कभी उस गोपी के यहां भगवान कि माखन चोरी को पकड़ने के लिए एक गोपी ने अपने घर माखन मिश्री फैला दी कि इसको देख कन्हैया जरूर माखन चोरी करने आयेगे भगवान तो सबके मन को जानने वाले है उन्होंने सोचा की आज ये गोपी मुझे प्रेम से याद कर रही है क्यों न इसके यहां जाऊ और कन्हैया अपने ग्वाल बालों के साथ इस सखी के यहां माखन चोरी करने पहुंच जाते हैं। जैसे ही कन्हैया माखन चुरा कर खाने लगते है वैसे ही गोपी उनको चोरी करते रंगे हाथ पकड़ लेती है उनका हांथ पकड़ कर मां यशोदा के पास ले जाने लगती है कुछ दूर जाने के बाद कन्हैया उस गोपी से बोलने लगे ऐ मेरी प्यारी गोपी मेरा ये तेरी पकड़ से दुखने लगा है मेरा दूसरा हांथ पकड़ लो जैसे ही गोपी एक हांथ छोड़ दूसरा हाथ पकड़ती है वैसे ही कन्हैया उस गोपी को उसके देवर का हाथ पकड़ा देते है गोपी यशोदा के पास लेकर जाती है और यशोदा से उलाहना देती है कि यशोदा तेरे लाल को आज मैं रंगे हांथ चोरी करते पकड़ लाई हूं मां यशोदा उसकी बातो को सुनकर बोलती है की गोपी क्या तू बावली हो गई है या तेरी मति खराब हो गई मेरा लाल तो सो रहा है ये तू किसको पकड़ लाई है जरा देख तो जैसे ही गोपी ने देखा उसके होश उड़ गए उसने देखा कि ये तो मेरा देवर है उधर कन्हैया नीद का नाटक करते हुए जमुहाई लेते हुए आते है और मन ही मन गोपी से कहते है कि सुन गोपी आज तो मैंने तेरे देवर का रूप रखा है अगर दुबारा ऐसा किया तो तेरे पति का भेष रख लूंगा गोपी ने मन ही मन कन्हैया को प्रणाम किया भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को सुन सभी श्रोता भाव विभोर हो गए।

सुभाष पटेल ब्यूरोचीफ भारत विमर्श चित्रकूट उ०प्र०

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