शराबबंदी संसोधन विधेयक पारित- तेजस्वी ने कहा-अमीरों को ‘डिस्काउंट
1 min readफैजुर रहमान :
बिहार विधानसभा में सत्र के दूसरे दिन बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक-2018 सदन में पेश किया गया, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया. वही दूसरी विपक्षी दल इस कानून में बदलाव का विरोध करते हुए सदन का वाकआउट कर गए.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन को बताया कि निर्दोषों को बचाने के उद्देश्य से विधेयक में संशोधन लाया गया है,ताकि किसी भी तरह कानून का दुरुपयोग न हो सके. निर्दोष लोगों को बचाने के लिए इसमें संशोधन आवशयक था.
उन्होंने कहा, “संशोधन का मतलब यह नहीं कि पीने वाले बख्शे जाएंगे, शराब पीकर उपद्रव करने पर कड़ी कार्रवाई होगी,धंधेबाजों कप भी सख्त सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि संसोधन लिए आम लोगों से भी राय ली गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित को देखते हुए शराबबंदी का फैसला लिया गया, जिसे सभी दलों का समर्थन प्राप्त हुआ है. शराबबंदी का सबसे ज्यादा लाभ दलितों, गरीबों, अनुसूचित जाति-जनजाति और हाशिए पर चले गए लोगों को हुआ है.
संसोधन में ये प्रवधान किया गया की पहली बार पीने वालो को अब थाने से ही जमानत मिल जाएगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे तरह तरह के बयानबजी पर कहा की राज्य की जेलों में ३९ हजार ८७ कैदी बंद है जिसमे ६ हजार ९३२ कैदी ही शराबबंदी कानून के तहत बंद है.जहा तक राजस्व की बात है तो २०१६-२०१७ में मात्र एक हजार करोड़ का नुकसान हुआ.शराब से होने वाली ये आय अनैतिक थी.आज इनका १०-१५ हाजर करोड़ बच रहा है.आज ८५% जनता ख़ुश है.
वही दूसरी ओर विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने सरकार के संसोधन पर ऊँगली उठाई. कहा कि सरकार ने संशोधन के नाम पर अमीरों को ‘डिस्काउंट’ दे दिया है. पहले अमीर लोग जहां 50 हजार रुपये जुर्माना देने के बजाय अब पांच हजार रुपये में शराब हासिल करेंगे. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर बिहार में शराब आती कैसे है? उन्होंने कहा की , “शराबबंदी के बाद राज्य के लोग शराब के साथ पकड़े गए हैं. यह बिहार सरकार की जिम्मेदारी है कि राज्य की सीमाओं पर भी सुरक्षा बढ़ाई जाए, साथ ही उन फैक्ट्रियों पर भी लगाम लगे जहां से शराब राज्य में आ रही है.”
बहरहाल कानून में किये गए इस संसोधन का कितना फ़ायदा दीखता है ये आने वाला वक़्त ही बताएगा.