चित्रकूट तुलसीमार्ग पर स्थित श्रीरामकिंकर कुटी आज से 6 नवंबर तक होगा कार्यक्रम श्रीरामकिंकर जयन्ती समारोह
1 min read
चित्रकूट उप्र – युग तुलसी श्रीरामकिंकर जी महाराज की चित्रकूट के प्रति अनन्य भावना के आधारशिला पर स्थित श्रीरामकिंकर कुटी के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी मैथिलीशरण ने बताया कि वार्षिकोत्सव के रूप में यह आयोजन आगामी ६नवम्बर को पूर्ण होगा.
श्रीरामकिंकर विचार मिशन ने श्रीरामकिंकर जी के साहित्य और उनके चिंतन को बच्चों और युवाओं को परिचित कराने और उनको रामचरितमानस के सामाजिक और व्यावहारिक स्वरुप को बताने के लिए छोटी छोटी पुस्तकें बनाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है.
इस साहित्य को नैट पर पर भी बिना किसी शुल्क के पढ़ा जा सकेगा।
मैथिलीशरण जी ने कहा कि व्यक्ति और मानवता की वास्तविक सेवा यही है कि वह किसी भी तरह अपने मूल से विचलित न हो.
मूल केवल राम हैं. रामचरित है. राम ही हमारी शिक्षा नीति का आधार होना चाहिए ताकि समाज में एक दूसरे को समझने और सबके महत्त्व को समझकर आपसी तालमेल बैठाने की मूल भावना को बढ़ावा दिया जा सके.
कोई व्यक्ति. कोई पदार्थ और कोई रसायन तब तक अपने उपयोगिता को सिद्ध नहीं कर सकता है जब तक की वह दूसरे के महत्त्व को न समझ ले.
श्रीराम ने दूसरों को न केवल सम्मान दिया बल्कि सबके महत्त्व को स्वीकार करके रामराज्य की स्थापना की।
रामकिंकर जी का चिंतन और साहित्य निर्विवाद साहित्य है.
हम उसे बच्चों की नलों में डालकर सबका साथ सबका बिकास की वर्तमान अवधारणा को मजबूत करना चाह रहे हैं.
नकारात्मक दृष्टिकोण. स्वार्थपूर्ण लक्ष्य कभी राम और रामराज्य को स्वीकार नहीं कर सकता है.
उसके लिए विचारों की व्यापकता. उदारता. और जीवन में संतुलन की महत् आवश्यकता है।

सुभाष पटेल ब्यूरोचीफ भारत विमर्श चित्रकूट उ०प्र०