राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ चित्रकूट द्वारा संगोष्ठी का हुआ भब्य आयोजन
1 min readचित्रकूट उप्र – आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शैक्षिक उन्नयन संगोष्ठी “INDIAN EDUCATION से भारतीय शिक्षा की ओर” विषय का आयोजन दिनांक- 30/09/2022को जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में भब्य तरीके से किया गया । जिसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रदेश संरक्षक मा.रामलखन भार्गव जी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मा. मातादीन द्विवेदी , संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो.योगेश दुबे व नगरपालिका अध्यक्ष श्री नरेन्द्र गुप्ता जी, समेत अन्य गणमान्य विद्वत अतिथियों ,विशेषज्ञों व सम्मानित शिक्षकों की उपस्थिति में माँ सरस्वती का पूजन व दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस संगोष्ठी में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ,महाविद्यालय के प्राचार्य ,इंटर कॉलेज के प्राचार्य व राजकीय कालेजो के प्राचार्य -प्राध्यापक व बेसिक शिक्षकों ने प्रतिभाग कर इस विषय में अपने-अपने वक्तव्य दिये । अतिथियों के स्वागत उपरांत सर्वप्रथम डॉ.अम्बरीष राय द्वारा संगोष्ठी- विषय पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के विभिन्न आयामों, कार्यो पर प्रकाश डालते हुए भूमिका प्रस्तुत की गई , इसके पाश्चात प्राचार्य डॉ. राजीव पाठक ने नई शिक्षा नीति-2020पर प्रकाश डालते हुए इसके सफलतापूर्वक क्रियान्वयन पर जोर दिया। राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक श्री रवि कुमार सिंह को सभी उपस्थित महानुभाव द्वारा शाल श्रीफल और स्मृतिचिन्ह भेंटकर उनके बेसिक शिक्षा क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिये सम्मानित किया गया, तदुपरांत श्री बाबूलाल यादव(सेवानिवृत शिक्षक) का सम्मान किया गया। कुलपति प्रो.योगेश दुबे जी ने नई शिक्षा नीति 2020 में भारतरत्न नाना जी देशमुख के विजन की ओर ध्यान आकर्षित किया कि किस प्रकार उन्होंने चित्रकूट में नन्ही दुनियाँ से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा के लिए एक विजन सोचा जो आज साकार हो रहा है । NEP2020 को नाना जी का विजन बताया और साथ ही दिव्यांगों के लिए पुनर्वास एवं शिक्षा देने के लिए कुलाधिपति पद्मविभूषण मा.रामभद्राचार्य जी महाराज के विचारों / योजनाओं के लिये भी आभार प्रकट किया । प्राचार्य संस्कत महाविद्यालय श्री सुरेंद्र तिवारी जी द्वारा मंगलाचरण के साथ आयोजक मंडल को ढेरो आशीर्वाद दिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आदरणीय मातादीन द्विवेदी जी ने संघ के कार्यो, भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा कर उन्होंने बताया कि कैसे भारत विश्वगुरु था लेकिन अंग्रेज़ों के कुप्रचार ने किस प्रकार हमारी शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस किया,जिसके उन्नयन हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ कार्य कर रहा है।चित्रकूट जैसी पावन जगह में यह आयोजन अभूतपूर्व व प्रेरणादायक है , जहाँ श्री राम यदि भगवान राम कहलाये तो चित्रकूट आकर ही । भारतीय शिक्षा के महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति उन्होंने अपनी बातें रखीं । प्रदेश संरक्षक श्री रामलखन भार्गव जी ने सफल आयोजन के लिए आशीर्वचन के साथ शैक्षिक उन्नयन की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। चेयरमैन श्री नरेंद्र गुप्ता जी ने श्रीराम से आदर्शो से प्रेरणा व पुरानी नीतियों को बदलने का परामर्श दिया । ग्रामोदय विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ. त्रिभुवन सिंह ने NEP 2020 को मानव सभ्यता के सुधारों व पुरानी संस्कृति-आदर्शो पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतवर्ष विश्वगुरु था विदेशों से लोग यहाँ शिक्षा लेने आते थे ,उन्होंने हमारे वेदों, धर्मग्रंथों में जो अपार ज्ञान है उस पर ध्यान देने में जोर दिया, बताया कि NEP 2020 इस दिशा में बड़ा सुधारात्मक कदम है। मंडलीय मिडिया प्रमुख लवकुश मिश्रा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानित जनों और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग के लिये आभाऱ व्यक्त करते हुये कल्याणमंत्र बोलकर कार्यक्रम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में ग्रामोदय विश्वविद्यालय से डॉ.उमाशंकर मिश्र, डॉ.अजय आर. चौरे, दिव्यांग विश्वविद्यालय से डॉ. सचिन्द्र उपाध्याय तथा जी.आई. सी.की प्राचार्या श्रीमती पुष्पा वर्मा और राजकीय हा. से श्री पुरुषोत्तम प्रजापति , संस्कृत भारती के जिला संयोजक डॉ.रघुवंश भूषण पांडेय आदि विशेषज्ञों की उपस्थिति के साथ वेसिक शिक्षक/शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया जिसमें श्री हरिश्चन्द्र सोनी का.अध्यक्ष ,श्री सीताराम सिंह संयोजक ,श्री सोमनाथ यादव , श्रीमती द्रोपदी अग्रवाल महिला प्रमुख ,श्रीमती शशिप्रभा ,श्रीमती अंजना श्रीवास्तव श्री विनोद अवस्थी ,श्री कामद श्रीवास्तव,श्री ललक पांडेय,श्री प्रमोद चौरसिया, श्री नीलेश शुक्ला, श्री राजेश यादव (अटेवा) ,श्री आशीष मिश्र, श्री लोकमणि मिश्र, श्री अनूप , श्री हरिकिशोर दीक्षित, श्री कपिलमुनि सिंह ,श्री यामेंद्रदत्त ,श्री सत्योम, श्री प्रदीप,श्री प्रमोद अवस्थी , श्रीरविशंकर गुप्ता ,श्री वगीशदत्त जी ,श्री रूपेश ,श्री चंद्रभूषण मिश्र आदि प्रमुख रहें ।
सुभाष पटेल ब्यूरोचीफ भारत विमर्श चित्रकूट उ०प्र०