March 28, 2024

2 रुपए में मंडी ने खरीदा किसान प्याज

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शाजापुर- मध्यप्रदेश में लहसुन के बाद अब प्याज के कम दामों ने किसानों की कमर तोडक़र रख दी है। बेहद कम दाम से आहत किसानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। 
किसानों को रुला रहा प्याज का दाम

प्याज के दामों में किस तरह की गिरावट है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते दिनों शाजापुर मंडी में देवास जिले के किसान को 300 किलो प्याज के लिए महज 2 रुपए का ही भुगतान किया गया है। दरअसल देवास जिले के ग्राम भुदानी का किसान जयराम 22 सितंबर को 6 कट्टे प्याज बेचने पहुंचा था। इन कट्टों में 300 किलो प्याज था। इसे 80 पैसे से सवा रुपए प्रति किलो के दाम पर शाजापुर मंडी में खरीदा गया। इस तरह कुल कीमत 330 रुपए बनी, लेकिन ट्रांसपोर्ट और हम्माली, तुलाई का खर्च निकालने के बाद किसान जयराम को सिर्फ 2 रुपए का ही भुगतान किया गया। किसान ने बताया कि प्याज की लागत निकलना तो दूर आने-जाने का किराया भी नही निकला।

नहीं निकल रहा ट्रांसपोर्ट का खर्च तक
दाम इतना कम मिल रहा है कि खेती की लागत तो दूर ट्रांसपोर्ट का खर्च तक नहीं निकल रहा। कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा, शिवराज जी, जरा किसानों का सोचिए..।
क्यों मिला 2 रु. भुगतान
शाजापुर के प्याज व्यापारी शहादत खान से बात की गई। उसने बताया, किसान जयराम जो प्याज लेकर आया, उसकी क्वॉलिटी ठीक नहीं थी। बावजूद उसे 80 पैसे से सवा रुपए किलो तक खरीदा। अगर प्याज अच्छी क्वालिटी का होता तो 11 रुपए किलो तक खरीदा जाता। जयराम छह कट्‌टों में 300 किलो प्याज लेकर आया था। उसने एडवांस में 280 रुपए भाड़े के ले लिए थे। हम्माली और तुलाई का खर्च निकालकर बाकी पेमेंट जयराम को दिया है।
8 से 11 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है
कनार्दी के रहने वाले अशोक गामी ने बताया कि मंडी में अच्छा प्याज 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जबकि मध्यम क्वालिटी का प्याज 5 से 8 रुपये के बीच बेचा जा रहा है। जिस प्याज की क्वालिटी काफी कमजोर है वह एक रुपए किलो से भी कम दाम पर बिक रहा है। जयराम के प्याज की क्वालिटी भी काफी खराब थी। छोटा प्याज होने की वजह से 80 पैसे से सवा रुपए किलो तक बिका। उन्होंने इस बात को माना कि किसान को नुकसान हुआ है लेकिन इस पूरे वाक्या को लेकर व्यापारी खुद भी अफसोस कर रहे हैं।
आम लोगों को मिल रही प्याज 20 से 25 रुपए प्रतिकिलो 
मध्यप्रदेश की मंडियों में किसानों को अच्छी क्वॉलिटी के प्याज के अधिकतम रेट 11 से 12 रुपए मिल रहे हैं, जबकि मीडियम क्वॉलिटी का प्याज 5 से 10 और सबसे खराब क्वॉलिटी का प्याज 4 रुपए किलो से कम में खरीदा जा रहा है। दूसरी ओर, आम लोगों को प्याज 20 से 25 रुपए प्रतिकिलो तक खाने को मिल रहा है। इसे लेकर भारतीय किसान संघ के नेता मुकेश पाटीदार ने बताया, मंडियों में मनमाने रेट दिए जा रहे हैं। व्यापारी मंडी टैक्स, कमीशन, हम्माली और तुलाई का खर्च किसान से लेते हैं। वहीं, बिचौलिये भी मंडियों में सक्रिय हैं। इस कारण किसानों को रेट कम मिलते हैं और आम लोगों को महंगा खाने को मिल रहा है। इस पर लगाम लगाई जानी चाहिए।
शिवराज जी किसानों के बारे में सोचिए: कांग्रेस विधायक रवि जोशी
खरगोन से कांग्रेस के विधायक रवि जोशी ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का किसान प्याज लेकर मंडी में बेचने गया। सारा खर्चा काटने के बाद उसके पास बचे केवल 2 रुपए। शिवराज जी, किसानों के बारे में सोचिए…।
कृषि मंत्री कहते हैं-ऐसी फसल उगाई क्यों, जिसके रेट कम मिलें
इसी महीने 8 सितंबर को शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल और धार जिले के सुनील पाटीदार नाम किसान का ऑडियो वायरल हो चुका है। जिसमें कृषि मंत्री बोले थे कि ऐसी फसल उगाई क्यों, जिसके रेट कम मिलें।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

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