सड़ रहा किसानों का करोड़ो का अनाज ,सरकार नहॉ दे रही ध्यान
1 min readसतना – मध्यप्रदेश में सरकार हर साल किसानों से रिकार्ड तोड़ अनाज खरीद रही है, लेकिन उन अनाजों को रखने के लिए गोदामों में जगह नहीं है। इस कारण उन्हें ओपन कैम्प में रखा जा रहा है। ओपन कैम्प में रखे करोड़ो रूपए के धान हर साल सड़ जाती हैं। जिम्मेदार अधिकारी एक दुसरे विभाग जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे है।
जिला प्रशासन ने प्रतिबंध के बावजूद धान खुले आसमान के नीचे ओपन केम्पों डंप करा दी गई लेकिन उसकी पुख्ता सुरक्षा नही की गई नतीजा सतना जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई लाखों क्विंटल धान रखे रखे सड़ गई। ये हाल किसी एक कैम्प का नही है जिले के तमाम ओपन कैम्पो में रखे अनाज का यही हाल है।
अब खुले आसमान के नीचे एक तिरपाल एवं दो सुरक्षा गार्डों के भरोसे भंडारित हजारों क्विंटल धान अब सड़ चुकी है जानवर और परिन्दे इसे अपना निवाला बना रहे है सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि धान को भीगने से बचाने के उपाय किए गए थे लेकिन कैसे इंतजाम है आप भी देख सकते है । चबूतरों पर रखे धान को वाटर पू्रफ कर सुरक्षित रखने का दावा किया गया था , तब अधिकारियों का कहना था कि ओपन कैम्प में रखी धान बारिश से पहले मिलिंग के लिए भेज दी जाएगी। लेकिन अब ये धान कई बारिश में भीग कर सड़ गल गयी है जो अब किसी उपयोग की नही
बता दें कि वर्ष 2013 में भी धान की रेकॉर्ड खरीदी के बाद अनाज गोदाम कम पड़ गए थे। तब प्रशासन ने ओपन कैम्पों में धान का भंडारण कराया था। लेकिन, ओपन कैम्प में रखे धान का उठाव बारिश से पहले न होने के कारण सतना मंडी, रामपुर मंडी एवं बाबूपुर ओपन कैम्प में रखी लगभग 55 हजार क्विंटल धान सड़ गई थी। जिले में भारी मात्रा में धान खराब होने के कारण सरकार को लगभग 6 करोड़ रुपए की चपत लगी थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने ओपन कैम्प में अनाज भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन, पिछली गलतियों से सीख न लेते हए वेयर हाउस ने ओपन केम्प में धान सड़ने के लिए छोड़ दी।
आहेस लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना म०प्र०