पीएम आवास की राशि वापस लेने का दिया निर्देश
1 min readचित्रकूट,प्रदूषण व अतिक्रमण से अस्तित्व गवाँ चुकी पयस्वनी नदी को पुनर्जीवित करने में प्रशासन जोर तोड़ से लगा था। लेकिन अभी भी बड़े – बड़े मठाधीश और अतिक्रमणकारियों ने कब्ज़ा जमा कर रखा हुआ है और उनको हटाने में प्रशासन नाकामयाब रहा फिर हार कर पयस्वनी नदी में रहे अतिक्रमण को हटाने का कार्य बंद कर दिया गया। एक दिलचस्प बात यह भी है कुछ समय पहले पयस्वनी नदी में पुलिया का निर्माण कर लिया गया था उसको प्रशासन ने अतिक्रमण को लेकर हटाया था वहीं एक पीएम आवास भी बना हुआ था जिसे अतिक्रमण के तहत गिरा दिया गया लेकिन इसमें में यह सवाल खड़ा हो गया है की क्या चित्रकूट में पीएम आवास का आवंटन आंख बंद कर के किया जाता है।
दरअसल पयस्वनी में बने पुल को हटाया गया था उसी दौरान पयस्वनी में बने एक मकान को भी गिरा दिया गया। जब संबधित निर्माण कार्य की जानकारी जुटाई गई तो हैरान करने वाली जानकारी सामने निकल कर आई। बताया गया की उक्त आवास किसी संतोष सिंह का है जिसे पीएम आवास योजना के तहत बनाया गया था जबकि पीएम आवास के लिए स्वयं की जमीन होनी चाहिए या फिर आवंटित जमीन हो या भूमिहीन होना चाहिए। जानकारों की माने तो किसी नदी नाले के कैचमेंट एरिया में सरकारी राशि से बनने वाले पीएम आवास के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में सवाल यह है की संतोष सिंह को पीएम आवास बनाने की अनुमति किसने दी और अगर वह पीएम आवास बैध्य बना हुआ था तो उसको हटाया क्यों गया। क्या नगर परिषद कि ओर से यह गफलत की गई है या फिर पयस्वनी के कैचमेंट एरिया में पीएम आवास के निर्माण को नजर अंदाज करने वाले राजस्व अमले ने । काफी लंबा समय बीत जाने के बाद नगर परिषद सीएमओ विशाल सिंह ने इस विषय को संज्ञान में लेते हुए पीएम आवास की राशि वापस करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सवाल यह भी है की पीएम आवास में गलती किसकी है। लाभार्थी की या फिर नगर परिषद इंजीनियर आशीष द्विवेदी या राजस्व विभाग की।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०