भारतीय निवेशकों ने अमेरिकी बाजारों में लगाया पैसा
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नई दिल्ली- अंतरराष्ट्रीय इक्विटी और ऋण (debt) में भारतीयों द्वारा निवेश की स्पीड तेज हुई है, क्योंकि रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले संघर्ष कर रहा है. इसके अलावा कमजोर वैश्विक शेयर बाजारों ने पोर्टफोलियो में विविधता लाने वाले निवेशकों के लिए रास्ते खोल दिए हैं. विदेशी शेयरों और डेट में होने वाला निवेश मई में 8.2% बढ़कर 82.5 मिलियन डॉलर हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी लेटेस्ट बुलिटेन के अनुसार, भारत से बाहर निकलने वाले ओवरऑल रेमिटेंस 2.04 अरब डॉलर पर फ्लैट रहे।
इस तरह के निवेश ने मई में कुल रेमिटेंस का 4% हिस्सेदारी की. हालांकि, शेयरों और इक्विटी पर विदेशी खर्च अभी भी मार्च में 104.5 मिलियन डॉलर से कम है. अप्रैल में इसमें कुछ कमी देखने को मिली है. वार्षिक स्तर पर देखा जाए तो यह बढ़ोतरी काफी अधिक है. कुल मिलाकर बाहर जाने वाला रेमिटेंस 63% बढ़ा है, जबकि विदेशी निवेश 58% बढ़ा है. 2021-22 वित्तीय वर्ष में बाहर भेजे गए पैसों में 55% की तेज वृद्धि देखी गई।
बेहतर रिटर्न की तलाश में भारतीय निवेशक वैश्विक आर्थिक मंदी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भू-राजनीतिक तनाव और तेल की ऊंची कीमतों की चिंताओं के कारण रुपया अपने सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया और इस सप्ताह की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले 80 को पार कर गया. नतीजतन, घरेलू बाजारों से बाहर निकलने वाले विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली ने स्थानीय निवेशकों को तनाव में रखा है. हालांकि, डेटा से पता चलता है कि भारतीय निवेशक तेजी से अवमूल्यन (Devaluation) के प्रभावों को दूर करने के बजाय वैश्विक शेयर बाजारों में निवेश करके बेहतर रिटर्न की तलाश कर सकते हैं।जियोग्राफिकल विविधता देता है अमेरिकी बाजार लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म वेस्टेड फाइनेंस (Vested Finance) के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वीरम शाह ने कहा, अमेरिकी बाजारों में निवेश एक पोर्टफोलियो को जियोग्राफिकल विविधीकरण प्रदान करता है. उन्होंने कहा, “2022 में बाजार कमजोर रहा है और हमने निवेशकों के गिरावट में खरीदारी के सबूत देखे हैं, खासकर जब बड़े टेक्नोलॉजी के शेयरों की बात आती है.” कमजोर रुपया भी अमेरिका में निवेश को और अधिक आकर्षक बनाता है, लेकिन यही केवल अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश करने का एकमात्र कारण नहीं होना चाहिए।
इस साल अब तक, डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और एसएंडपी 500 लगभग क्रमश: 12 फीसदी और 17 फीसदी तक नीचे हैं. यदि हम बात करें घरेलू इंडेक्स सेंसेक्स की तो यह सिर्फ 5 फीसदी नीचे है।
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